मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कलयुग के श्रवण कुमार कहला रहे हैं। बुजुर्गों ने रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर तीर्थ दर्शन (Pilgrimage) ट्रेन में बैठते हुए उन्हें यह उपाधि दी है और स्टेशन पर श्रवण कुमार के कई जगह नजारे दिखाई दिए हैं। जिस तरह कन्या विवाह कराने के बाद बच्चे-बूढ़े और नौजवान उन्हें मामा पुकारने लगे हैं तो बुजुर्गों भी अब तीर्थ दर्शन कराने पर उन्हें श्रवण कुमार का दर्जा दे रहे हैं।
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Pilgrimage – आज रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से एकबार फिर से तीर्थ दर्शन ट्रेन रवाना हुई जिसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को काशी विश्वनाथ के लिए रवाना किया। करीब 900 बुजुर्गों को लेकर यह ट्रेन निकली। इसके पूर्व रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर आयोजित कार्यक्रम में सीएम चौहान ने बेटे की तरह उन्हें विदा किया। वे एक-एक डिब्बे में गए और बुजुर्गों से मुलाकात की तो बुजुर्गों ने भी उन्हें गले लगाकर दुलारा। उन्हें श्रवण कुमार की तरह प्यार किया और कई बुजुर्गों ने कहा कि उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि वे तीर्थ यात्रा कर सकेंगे।
सीएम चौहान जब भारतीय जनता युवा मोर्चा के नेता थे तब से अपने क्षेत्र में गरीब परिवारों की बेटियों के विवाह के लिए कन्या विवाह कराते थे। उस समय से उन्हें मामा पुकारा जाने लगा। जब मुख्यमंत्री बने तो इसके लिए सरकारी योजना बनाई और अपने मुख्यमंत्रित्व काल में हजारों बेटियों का विवाह करा चुके हैं। आज वे केवल बेटियों के लिए ही मामा नहीं हैं बल्कि बेटे भी उन्हें मामा कहकर पुकारने लगे हैं। आज बुजुर्गों ने उन्हें श्रवण कुमार नाम दिया है।
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उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद मध्य प्रदेश में जिस तरह दुराचारियों की आर्थिक रूप से कमर तोड़ने और अपराधियों के आय के साधनों को खत्म करने के लिए बुलडोजर चलाया जा रहा है, उससे उन्हें बुलडोजर मामा नाम दिया ही जा चुका है। अब लगभग सभी मंच से अपराधियों के साथ सख्ती के लिए बुलडोजर का डर बता रहे हैं और इससे अपराधियों में खौफ है। हालांकि इस बुलडोजर को लेकर विपक्ष के निशाने पर वे आ गए हैं लेकिन उन्हें बुलडोजर मामा नाम मिल चुका है। वे विपक्ष की चिंता किए बिना बुलडोजर को रोकने के लिए पीछे नहीं हट रहे हैं।