- जानें, भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश
नई दिल्ली|उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव जल्द ही दस्तक देने वाले हैं। इसी बीच केंद्रीय चुनाव आयोग ने साफ शब्दों में कह दिया है कि किसी भी राजनीतिक दलों के लिए आपराधिक पृष्ठभूमि या फिर ऐसे व्यक्ति जिन पर आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं उनको टिकट मिलना मुश्किल है।
केंद्रीय चुनाव आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि 48 घंटों के अंदर ही राजनीतिक दलों को अपनी वेबसाइट के जरिये यह सार्वजनिक करना होगा
कि जो उन्होंने उम्मीदवार बनाया है क्या वह आपराधिक पृष्ठभूमि का है, अगर है तो उस पर कितने और किन आरोपों में मुकदमे चल रहे हैं। साथ ही यह भी बताना होगा कि मुकदमों की क्या प्रगति है।
देश के पांच राज्यों में अगले साल की शुरुआत में चुनाव होने हैं। ऐसे में भारत निर्वाचन आयोग ने उन पांच राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बात की।
आयोग का कहना है कि ‘राजनीतिक दलों को यह भी बताना होगा कि उन्हें साफ सुथरी छवि का ऐसा कोई व्यक्ति क्यों नहीं मिला जिस पर कोई आपराधिक मुकदमा दर्ज न हो और ऐसे साफ सुथरी छवि वाले व्यक्ति को उम्मीदवार क्यों नहीं बनाया?’
सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को निर्देश दिए जिसके चलते आयोग ने राजनीतिक दलों व अभ्यर्थियों के लिए कई प्रारूप भी बनाए हैं, जिन्हें भरकर चुनाव में देना होगा।
कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए 1500 मतदाताओं के जगह अब 1200 मतदाताओं की संख्या पर एक पोलिंग बूथ बनाया जाएगा। भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा उत्तर प्रदेश में कुल 1 लाख, 74 हजार, 351 पोलिंग बूथ बनाने के लिए हरी झंडी दे दी गई है। इसी के चलते मतदान केंद्रों की संख्या भी 91 हजार, 572 के स्थान पर 92 हजार, 882 हो चुकी है।