माता-पिता बच्चों को जन्म देने के साथ ही उनका सही मार्गदर्शन करते हैं. बच्चे उन्हीं से बहुत कुछ सीखते हैं. लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ने लगती है, तब बच्चे अपने पेरेंट्स से बहुत से बाते छुपाने लगती हैं और उनकी बीच एक दूरी आने लगती है. लेकिन पेरेंट्स को अपने बच्चे साथ दोस्तों की तरह रहना चाहिए, जिससे बच्चे उन्हें अपनी (friends of children) सारी बातें बताएं और उनकी सलाह लें.
बच्चों के साथ दोस्तों की तरह रहना जरूरी है. क्योंकि जब वह आपके अपनी बातें शेयर करेंगे, तो आपको उनके बारे में पता होगा कि वह क्या कर रहे हैं और किसे साथ घूमने जा रहे हैं. यह बच्चे की सुरक्षा के लिए भी जरूरी है. कई बार बच्चे पेरेंट्स की डाट के डर से घर पर सच नहीं बताते या झूठ बोल देते हैं, जिसका असर उनकी लाइफ पर बुरा भी पड़ सकता है. ऐसे में आप अपने बच्चे के साथ दोस्तों की तरह रह सकते हैं, जिसमें यह टिप्स आपकी मदद करेंगे.