दिल्ली ब्लास्ट की उस खतरनाक शाम का शिकार जम्मू कश्मीर के रहने वाला एक मजदूर हो गया. कार ब्लास्ट में मरने वाले इस शख्स की उम्र 30 साल है. इनके शव को जम्मू-कश्मीर के गांदरबलजिले के कंगन इलाके में 19 नवंबर को उनके घर पर ले जाया गया. दिल्ली में लाल किले के पास हुए इस जोरादर धमाके में मजदूर बिलाल अहमद सांगो बुरी (panic in Kashmir due to suicide attack) तरह से घायल हो गए थे. उनका राजधानी के ही एक अस्पताल में इलाज चल रहा था. इलाज के दौरान बिलाल की मौत हो गई.
बिलाल की मौत से परिवार के लोग टूट गए, उन्हें पड़ोसियी भी इससे बहुत दुखी थी, जिन्होंने बचपन से ही बिलाल के साथ समय बिताया था. बिलाल की मौत से दुखी और उसे अंतिम विदाई देने के लिए सैकड़ों गांव के लोग मौके पर पहुंचे. इनमें महिलाएं, पुरुष, बच्चे और बुजुर्ग सभी शामिल थे. रोते बिलखते लोग मौके पर इक्ट्ठा होकर बस एक ही बात कह रहे थे कि घर का सहारा बिलाल घरवालों को छोड़कर चला गया. बिलाल कई साल पहले रोजी-रोजी की तलाश में दिल्ली गया था.
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बिलाल का शव जब उनके गांव पहुंचा तो उनके जनाज़े को पैतृक कब्रिस्तान ले जाया गया. उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए MLA कंगन मियां मेहर अली भी पहुंचे. सैकड़ों लोगों ने दुआ की और उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया. बिलाल के इस तरह जाने से माहौल गम से भरा था और ठंडी पतझड़ की हवा में विदाई की चीखें गूंज रही थीं.
panic in Kashmir due to suicide attack – मीडिया से बात करते हुए, MLA मेहर अली ने कहा कि इस गम की घड़ी में परिवार को हमेशा मदद मिली है और आने वाले दिनों में भी मिलती रहेगी. उन्होंने भरोसा दिलाया कि मुख्यमंत्री पहले ही कह चुके हैं कि किसी भी कश्मीरी को शक की नजर से नहीं देखा जाना चाहिए. इस गरीब परिवार के लिए जो भी मदद ज़रूरी होगी, वह दी जाएगी.
