पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले के 15 दिन बाद भारत ने आतंक के गढ़ में घुसकर करारा जवाब दिया है. ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान के अंदर 100 किलोमीटर (Operation Sindoor) तक घुसकर लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन के 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया.

भारतीय सशस्त्र बलों ने इन आतंकी कैंपों को चिन्हित कर निशाना बनाया जो भारत पर कई हमलों के पीछे के दोषी थे. वहीं अब खबर आ रही है कि इस सटीक कार्रवाई में लश्कर-ए-तैयबा के दो टॉप कमांडर मारे गए हैं. इन दोनों को लश्कर की आतंकी गतिविधियों का मास्टरमाइंड माना जाता था.

दो टॉप आतंकी हुए ढेर

इनमें पहला नाम है हाफिज अब्दुल मलिक का, जो लश्कर का एक बड़ा ऑपरेशनल कमांडर बताया जा रहा है. वह मुरिदके स्थित लश्कर के मुख्यालय ‘मरकज़ तैय्यबा’ में मौजूद था, जहां पर यह हमला हुआ. दूसरा आतंकी मुद्दसिर था, जो लश्कर की विदेशी आतंकियों से जुड़ी साजिशों का मास्टरमाइंड माना जाता है. दोनों की मौके पर ही मौत हो गई. ऑपरेशन सिंदूर को खुफिया एजेंसियों और सेना के विशेष दस्तों ने मिलकर अंजाम दिया. इस कार्रवाई को भारत की आतंकवाद के खिलाफ सख्त नीति के रूप में देखा जा रहा है.

जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय भी तबाह

भारत की ओर से जिन आतंकी ठिकाने को निशाना बनाया गया है, उसमें जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय भी शामिल है. इसके अलावा लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन के कैंप को भी तबाह कर दिया गया है. सबसे बड़ा हमला बहावलपुर में किया गया जो अंतरराष्ट्रीय सीमा से करीब 100 किमी अंदर स्थित है और यहां पर जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय है. अब इसे निपटा दिया गया है. (Operation Sindoor) इसी तरह सांबा सेक्टर की सीमा से 30 किमी अंदर मुरीदके नाम की जगह पर लश्कर-ए-तैयबा का कैंप था. उसे भी जमीन में मिला दिया गया है. मुंबई में 26/11 आतंकी हमलों के आतंकवादी यहीं से थे.

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