Operation Diamond : आपने जेम्स बॉन्ड या जासूसी वाली फिल्मों में अक्सर देखा होगा कि कोई शख्स बड़ी हिम्मत और बहादुरी से किसी देश का विमान चोरी कर लेता है। इस तरह की बातें फिल्मों में ही अच्छी लगती हैं लेकिन, अगर यह कहा जाए कि ऐसा सच में भी हुआ था तो आप क्या कहेंगे। दरअसल आज हम बात मोसाद के उस ऑपरेशन की करेंगे जिसमें इराक में घुसकर मिग-21 विमान चुराना था।  बता दें कि मिग 21 सुपरसोनिक जेट कैटेगरी में आता था, जो दुश्मनों को चकमा देने के लिए जाना जाता था।

मिशन को कहा जाता है Operation Diamond

बता दें कि इजरायल के इस मिशन को ऑपरेशन डायमंड भी कहा जाता है। ये इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद का सबसे खतरनाक मिशन माना जाता है। इस मिशन की शुरुआत 25 मार्च 1963 को उस समय हुई जब इजरायली एजेंसी मोसाद के नए चीफ मीर एमिट मोसाद बनाये गए।

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अपना पद संभालते ही मीर एक्टिव मोड में आ गए और उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में अधिकारियों से पूछा गया कि क्या ऐसे किया जा सकता है, जिससे देश को फायदा हो। इसके जवाब में सभी ने कहा कि वो बस मिग-21 को रूस से इजरायल ले आएं। हालांकि, मीर ने इसमें कोई रुचि नहीं दिखाई।  इसके बाद इजरायल के नए वायुसेना अध्यक्ष एजेर वाइस मैन ने भी मीर से मिग-21 मांगा। यहां से इजरायल के ऑपरेशन डॉयमंद की शुरुआत हुई।

दरअसल, अपनी चतुराई के लिए जाने जाने वाली इजरायली एजेंसी मोसाद ने सबसे पहले मिस्र को मिले रूसी मिग-21 को चुराने का प्रयास किया। हालांकि, ये प्रयास गलत साबित हुआ और मोसाद एजेंट पकड़े गए और उन्हें मार डाला गया। इसके बाद एजेंसी ने अपना ध्यान इराक पर केंद्रित किया, वहां के दो पायलटों को ये करने के लिए मना भी लिया गया, लेकिन वो अंत में मुकर गए और दो बार मिशन फेल हुआ।

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लेडी जासूस ने बिछाया जाल

इसके बाद इराक को मिले मिग-21 फाइटर जेट को चुराने का प्लान बनाया गया। इस बार मोसाद की एक लेडी जासूस ने मुनीर रेड्फा नाम के इराकी पायलट को अपनी बातों में फंसा लिया। मुनीर रेड्फा ईसाई धर्म का था और इराक में उसे प्रमोशन नहीं मिल रहा था। इसी कारण वो काफी परेशान भी था, जिसका फायदा मोसाद ने उठाया।
दरअसल, लेडी एजेंट ने मुनीर रेड्फा को 10 लाख डॉलर की मदद, सरकारी नौकरी और परिवार समेत इजरायल में बसाने का भरोसा दिया, जिसे मुनीर मान गया।

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इसके बाद इराक को मिले मिग-21 फाइटर जेट को चुराने का प्लान बनाया गया। इस बार मोसाद की एक लेडी जासूस ने मुनीर रेड्फा नाम के इराकी पायलट को अपनी बातों में फंसा लिया। मुनीर रेड्फा ईसाई धर्म का था और इराक में उसे प्रमोशन नहीं मिल रहा था। इसी कारण वो काफी परेशान भी था, जिसका फायदा मोसाद ने उठाया। दरअसल, लेडी एजेंट ने मुनीर रेड्फा को 10 लाख डॉलर की मदद, सरकारी नौकरी और परिवार समेत इजरायल में बसाने का भरोसा दिया, जिसे मुनीर मान गया। मिग-21 को चोरी करने से इजरायल को डबल फायदा हुआ था

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