राजनीति किसी भी प्रगतिशील देश के लिए बहुत ज़रूरी है और बात अगर भारतीय राजनीति की करें तो, भारत की राजनीति सारे देशों की राजनीति से काफी अलग है| हमारे देश की राजनीति धर्म, जाति और झूठे विकास के नाम पर चलती आ रही थी| 2014 के बाद राजनीतिक मुद्दों पर थोड़ा-सा प्रभाव पड़ा है| भारतीय राजनीति ने कई उतार चढ़ाव देखे है और 2019 में ऐसी कई महत्त्वपूर्ण राजनीतिक घटनाएँ हुई हैं जिनपे आज हम बात करेंगे|
बीजेपी की ऐतिहासिक जीत
जैसा कि हम सब जानते है, भारतीय जनता पार्टी ने किस तरह लोक सभा चुनावो में सभी पार्टियों को धूल चटाई और एक बार फिर से ऐतिहासिक जीत हासिल की| एक तरफ हमने 2014 के चुनाव को देखा और उसके बाद 2019 जहाँ 19 में 2014 से ज़्यादा मोदी लहर देखने को मिली| भारतीय जनता पार्टी ने 303 सीटों पर जीत हासिल की और अपना पूर्ण बहुमत बनाये रखा, भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 353 सीटें जीतीं|
तीन तलाक बिल
2019 में कई महत्त्वपूर्ण राजनीतिक घटनाएँ सामने आयीं जिनमे से एक ये भी है| तीन तलाक बिल को भारतीय जनता पार्टी की सबसे बड़ी जीत बताई जा रही थी क्योंकि बीजेपी ने इस बिल को पास कराने के लिए काफी मेहनत की थी और यह बिल आखिर में पास हो गया| इस बिल को मुस्लिम महिलाओं के लिए काफी मददगार बताया गया है|
चुनाव जीतते ही सरकार ने इस बिल को संसद भवन में उतारा और कहा लोक सभा में बिल को विचार के लिए पेश करने के पक्ष में 303 और विपक्ष में 82 वोट पड़े वही राज्य सभा में बिल के समर्थन में 99 और विरोध में 84 वोट पड़े थे|
कश्मीर से धारा 370 का हटना
इसे भी पढ़ें: अभिनेता सलमान खान का शेरा हुआ शिवसेना में शामिल
धारा 370 भारतीय राजनीति का सबसे बड़ा मसला रहा है और बीजेपी ने इस साल इस मसले को सुलझा दिया, यह बात अलग है कि जो धारा 370 कश्मीर को एक विशेष राज्य का दर्जा देता था उसी धारा 370 को हटाने के लिये सरकार ने उसी राज्य के नागरिकों से पूछा तक नहीं| बताया जा रहा है कि इस बदलाव से जम्मू कश्मीर के लोगों को व्यापार स्वास्थ्य शिक्षा सम्बंधित क्षेत्र में बहुत ज़्यादा फायदा पहुंचेगा|
इस बदलाव के बाद सरकार ने राज्य को 2 केंद्र शासित प्रदेशों में बाट दिया| आर्टिकल 370 के सभी खण्डों में से 2 खंडो को हटाया गया है| आर्टिकल 370 के पहले भाग के अनुसार दूसरे और तीसरे भाग को पूर्ण तरह से खत्म किया गया है जो उसे विशेष राज्य का दर्जा देता था| आर्टिकल 370 में संशोधन के तहत आर्टिकल 35A को भी हटा दिया गया|
भारतीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती
जिस अर्थव्यवस्था के नाम पर बीजेपी राजनीति करती आ रही थी उसी बीजेपी ने भारतीय अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ के रख दी है| इस साल भारतीय अर्थव्यवस्था धूल चाट रही है और वही नहीं विश्व हंगर इंडेक्स में भी हम काफी पीछे है जो इस भाग में साफ-साफ सरकार की नाकामी को बताता है|
बात अगर भारत की जीडीपी की करे तो हमारी जीडीपी 5 से 6 के बीच में रह गई है जिसके बाद विश्व बैंक ने दक्षिण एशिया इकनॉमिक फ़ोकस के हाल के संस्करण में कहा है कि भारत 2021 तक 6.9 फ़ीसदी की वृद्धि दर को हासिल कर लेगा और 2022 में 7.2 फ़ीसदी तक जाने का अनुमान है| विश्व बैंक ने यह रिपोर्ट तब जारी किया जब IMF (इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड) की वार्षिक बैठक होने वाली है| बैंक ने कहा कि भारत की वृद्धि दर लगातार दूसरे साल भी सुस्त रही|
पीएमसी बैंक घोटाला
हमारा देश बैंक घोटालों से काफी जूझता रहा है कभी विजय माल्या, कभी नीरव मोदी तो कभी एचसीआईएल ग्रुप, जी हाँ हम बात कर रहे है पंजाब महाराष्ट्र कॉपरेटिव बैंक के बारे में जिसके घोटाले की वजह से बहुत से मासूम खाता धारकों को परेशानी झेलनी पड़ रही है और कुछ लोगों की तो मौत भी हो गई| आपको बता दें कि पंजाब व महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक में 4, 355 करोड़ का नहीं, बल्कि 6500 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है|
रियल एस्टेट फर्म एचडीआईएल ने कथित तौर पर बैंक के 9, 000 करोड़ रुपये के अग्रिम का 70 प्रतिशत हिस्सा लिया है| मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा के अनुसार, एचडीआईएल के ऋण नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स हो गए थे, लेकिन बैंक प्रबंधन ने इसे आरबीआई की जांच से छिपा दिया| घोटाले की खोज के बाद बैंक को आरबीआई द्वारा प्रतिबंध के तहत रखा गया है| जिसके कारण खाता धारक छह महीने की अवधि में जमा राशि में से 40, 000 रुपये ही निकाल सकते है, जिससे जमाकर्ताओं में घबराहट और संकट है| हालाँकि आरबीआई का कहना है कि इससे 77 प्रतिशत जमाकर्ताओं को राहत मिलेगी|
राम मंदिर
राम मंदिर भूमि विवाद जिसे शायद भारत का बच्चा-बच्चा जानता है अगर दूसरी भाषा में बोले तो राम मंदिर का एक अपना फैन बेस है| 19 के दशक के पहले से चली आ रही राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद का विवाद अब अपनी आखरी चरण पर है| हाँ वही राम मंदिर विवाद जिसमें बहुत से मासूमों की जान गई और बहुत से राजनीतिक पार्टियों ने इस पर अपने हाथ भी सके|
सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ ने बरसों से चले आ रहे इस मामले की सुनवाई 40 दिनों में पूरी की है| सुनवाई के दौरान रामलला विराजमान, जन्मस्थान पुनरुद्धार समिति, हिन्दू महासभा, निर्मोही अखाड़ा, यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, हाजी महबूब और हाजी अंसारी तथा यूपी शिया वक्फ बोर्ड समेत सभी पक्षकारों ने अपनी-अपनी दलीलें पेश कीं| वही इनमें मुख्य पक्षकारों में सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला शामिल हैं|
इस साल लोगों को दीपावली से ज़्यादा राम मंदिर के फैसले का इंतजार है, तो चलिए देखते है सुप्रीम कोर्ट राम मंदिर पर क्या फैसला सुनाता हैं| यह थी हमारी नज़रों में 2019 के सबसे बड़ी राजनीतिक घटनाएँ, तो चलिए अगर हमसे कुछ छूट गया तो आप हमें कॉमेंट बॉक्स में बता सकते है|
Image Source :- dwarkaparichay.com