Close Menu
करंट न्यूज़करंट न्यूज़
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को दीपावली गिफ्ट, 17-18 अक्टूबर को वेतन, दैनिक वेतनभोगियों को भी भुगतान
    • ‘कांतारा चैप्टर 1’ ने किया गर्दा! 15 दिन में वर्ल्डवाइड ₹679 करोड़ पार
    • वेनेजुएला पर ऑपरेशन से तनाव: दक्षिणी कमान के प्रमुख एडमिरल होल्सी ने कार्यकाल से पहले दिया इस्तीफा
    • शेयर बाजार में धन वर्षा! सिर्फ 3 दिनों में निवेशकों की संपत्ति ₹9 लाख करोड़ बढ़ी
    • त्योहारी सीजन में सर्वर हुआ क्रैश, IRCTC डाउन होने से टिकट बुकिंग रुकी
    • UP पुलिस को मिलेगी क्रिकेटरों जैसी फिटनेस! अब जवानों को पास करना होगा यो-यो टेस्ट
    • दिन में सोना अच्छा या बुरा? आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान क्या कहता है
    • शरीयत में बहुविवाह का नियम: क्या एक मुस्लिम पुरुष 4 पत्नियों के होते हुए 5वीं शादी कर सकता है?
    करंट न्यूज़करंट न्यूज़
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube
    Saturday, October 18
    • होम
    • राज्य
      • दिल्ली
      • उत्तर प्रदेश
      • उत्तराखण्ड
      • मध्य प्रदेश
      • छत्तीसगढ़
      • हिमांचल प्रदेश
      • पंजाब
      • झारखण्ड
      • बिहार
      • राजस्थान
      • हरियाणा
      • गुजरात
      • महाराष्ट्र
      • जम्मू कश्मीर
    • देश
    • मनोरंजन
    • खेल
    • टेक्नोलॉजी
    • लाइफ स्टाइल
    करंट न्यूज़करंट न्यूज़
    Home » CAA की तरह न बिगड़े बात, वक्फ बिल पर मुस्लिमों के हर संशय को ऐसे दूर कर रही मोदी सरकार

    CAA की तरह न बिगड़े बात, वक्फ बिल पर मुस्लिमों के हर संशय को ऐसे दूर कर रही मोदी सरकार

    March 20, 2025 देश 3 Mins Read
    doubt of Muslims on waqf bill
    Share
    Facebook Twitter Email WhatsApp Copy Link

    मोदी सरकार मुसलमानों से जुड़े वक्फ संशोधन बिल को कानूनी अमलीजामा पहनाने की तैयारी में है. वक्फ बिल के खिलाफ मुस्लिम तंजीमें विरोध रही हैं. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से (doubt of Muslims on waqf bill) लेकर जमियत उलेमा-ए-हिंद और जमात-ए-इस्लामी सहित तमाम मुस्लिम संगठनों ने 17 मार्च को दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर अपने तेवर दिखा दिए हैं. इतना ही नहीं मिल्ली तंजीमों ने किसान आंदोलन की तरह वक्फ बिल के खिलाफ आंदोलन खड़ा करने की चेतावनी सरकार को दी है.

    सीएए के खिलाफ देशभर में हुए थे आंदोलन

    मोदी सरकार साल 2019 में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय को भारत की नागरिकता देने के लिए सीएए कानून लेकर आई थी. सीएए के तहत मुस्लिम समुदाय को छोड़कर हिंदुओं, जैनों, ईसाइयों, सिखों, बौद्धों और पारसियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान रखा गया. इसे लेकर दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय आंदोलन शुरू हुआ, जिसका केंद्र शाहीन बाग बन गया. सीएए-एनआरसी के खिलाफ शाहीन बाग का प्रोटेस्ट एक मॉडल बन गया और इस आंदोलन की चिंगारी देश भर में फैल गई थी. देश के तमाम शहरों में शहीन बाग की तर्ज पर महिलाएं और बच्चे सड़कों पर उतरकर धरने दे रहे थे.

    वक्फ बिल पर पहले जेपीसी का गठन

    मोदी सरकार वक्फ संशोधन बिल लाई तो पहले संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) का गठन किया. जेपीसी में सत्तापक्ष के सांसदों के साथ विपक्ष के सांसदों को भी शामिल किया. इस जेपीसी ने देशभर के अलग-अलग राज्यों में जाकर लोगों के साथ बातचीत की. इस तरह मोदी सरकार ने यह संदेश देने की कोशिश की है, सरकार की मंशा चर्चा और विचार-विमर्श करके बदलाव करने की है.

    आरएसएस से जुड़ा हुआ राष्ट्रीय मुस्लिम मंच भी लगातार वक्फ संसोधन बिल पर मुस्लिमों के बीच जागरूकता फैलाने में लगा है कि कैसे यह बिल मुस्लिम समाज के हित में है. राष्ट्रीय मुस्लिम मंच से जुड़े हुए मुस्लिम समुदाय के लोग जेपीसी के समय से ही वक्फ बिल के समर्थन में खुलकर खड़े हैं. इंद्रेश कुमार की अगुवाई में तमाम मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा इफ्तार का आयोजन कर वक्फ बिल के समर्थन में अपनी बात मुस्लिमों के बीच रख रहे हैं. वक्फ बिल के विरोध करने वालों को राष्ट्रीय मुस्लिम मंच कांग्रेसी बताने में जुटे हैं. विपक्षी दलों के इशारे पर वक्फ बिल का विरोध करने का बीड़ा उठाने का आरोप लगा रहा है.

     संसद में वक्फ पर लंबी चर्चा कराने का प्लान

    मोदी सरकार के पास जिस तरह से बहुमत का है, उस लिहाज से वक्फ बिल को सरकार चुटकी में पास करा सकती है लेकिन सरकार कोई जल्दबाजी नहीं कर रही है. सरकार वक्फ बिल पर संसद में लंबी चर्चा कराना चाहती है, इसके लिए विपक्ष की बात सुनने और उस पर एक-एक कर विस्तार पूर्वक से जवाब देना चाहती है ताकि मुस्लिम समुदाय के सभी संशय को दूर किया जा सके. इसीलिए सरकार ने अभी तक संसद में बिल पेश करने की पहल में कोई तेजी नहीं दिखाई है.

    doubt of Muslims on waqf bill – माना जा रहा है कि मोदी सरकार ईद के बाद इस बिल को संसद में चर्चा के लिए ला सकती है. 21 मार्च को लोकसभा में गिलोटिन लाया जाएगा, जिससे बिना चर्चा के बचे हुए मंत्रालयों की अनुदान मांगों को पारित किया जा सके. इसके बाद वित्त विधेयक पारित कराया जाएगा. वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का मकसद डिजिटलीकरण, बेहतर ऑडिट, बेहतर पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्जे वाली संपत्तियों को वापस लेने के लिए कानूनी सिस्टम में सुधारों को लाकर इन चुनौतियों को हल करना है.

    Follow on Google News Follow on Facebook Follow on X (Twitter) Follow on YouTube Follow on WhatsApp
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email Telegram WhatsApp Copy Link

    Keep Reading

    रहस्य: दुनिया के सबसे अमीर मंदिर में फूल कहां से आते हैं? भगवान के श्रृंगार के लिए नहीं खरीदे जाते हैं फूल

    नामांकन प्रक्रिया पर SC का फैसला! ‘बुर्का हटाना होगा या नहीं?’, चुनाव आयोग ने कहा- SIR के तहत वेबसाइट पर जारी होगी लिस्ट

    भारत का पहला मानव अंतरिक्ष यान मिशन ‘गगनयान’ कब होगा लॉन्च? ISRO प्रमुख वी नारायणन ने बताया

    डिफेंडर-फॉर्च्यूनर से नहीं मिलेगा ‘हिंदू राष्ट्र’: धीरेंद्र शास्त्री ने सामने रखा हिंदू राष्ट्र प्राप्ति का ‘रोडमैप’

    छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड: चेन्नई से केमिकल एनालिस्ट गिरफ्तार, लापरवाही के बाद कंपनी का लाइसेंस भी रद्द

    दुर्गापुर रेप केस : पुलिस को दोस्त पर शक क्यों? पीड़िता के दोस्त की गिरफ्तारी से केस का रुख बदला

    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube

    राज्य -  दिल्ली    उत्तर प्रदेश    उत्तराखण्ड    मध्य प्रदेश    छत्तीसगढ़    हिमांचल प्रदेश    पंजाब    झारखण्ड    बिहार   राजस्थान    हरियाणा

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.