मुंबई : पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवरा ने कांग्रेस छोड़ने और शिवसेना में शामिल होने के अपने फैसले को सही ठहराते हुए आरोप लगाया है कि कांग्रेस अपनी वैचारिक एवं संगठनात्मक जड़ों से भटक गई है, वह जाति के आधार पर विभाजन को बढ़ावा दे रही है एवं कारोबारी घरानों को Milind (Deora On Congress) निशाना बना रही है। देवरा ने कहा कि वह एक ऐसे नेता का सहयोग करना चाहते हैं जो रचनात्मक विचारों को महत्व देता है और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उनकी क्षमता को पहचाना है।
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Milind Deora On Congress – पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवरा ने लोकसभा चुनावों से पहले मुंबई में कांग्रेस को झटका देते हुए रविवार की सुबह पार्टी छोड़ दी और शिंदे नीत शिवसेना में शामिल हो गए। इसी के साथ कांग्रेस के साथ उनके परिवार का साल पुराना नाता खत्म हो गया। देवरा ने बाद में सोशल मीडिया मंच एक्स के जरिए बताया कि उनके कांग्रेस छोड़ने के पीछे के क्या कारण हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ दिवंगत नेता मुरली देवरा के बेटे मिलिंद देवरा आगामी लोक सभा चुनाव में मुंबई दक्षिण सीट पर उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना (यूबीटी) द्वारा दावा किए जाने के बाद से नाराज थे।
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मिलिंद देवरा 2004 और 2009 में मुंबई दक्षिण सीट से चुने गए थे लेकिन 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में इस सीट पर (अविभाजित) शिवसेना के अरविंद सावंत से उन्हें शिकस्त मिली थी। सावंत अब ठाकरे गुट में हैं। मिलिंद देवरा ने स्वीकार किया कि कांग्रेस से अलग होने का उनका निर्णय अत्यंत भावनात्मक है। उन्होंने साथ ही कहा कि वह एक ऐसे नेता का सहयोग करने की इच्छा रखते हैं जो रचनात्मक विचारों को महत्व देता है,उनकी योग्यता को पहचानता है और राष्ट्र एवं राज्य के विकास के लिए संसद में उनकी क्षमताओं का लाभ उठाने का लक्ष्य रखता है।