भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, लंबोदर, विनायक और कई नामों से पुकारा जाता है. गणेश चतुर्थी इस साल 27 अगस्त को मनाई जा रही है. भक्त गणपति जी की प्रतिमा को घर लाते हैं. लोग 5, 7, 9 या 10 दिनों तक भगवान की सेवा करते हैं. उन्हें तरह-तरह के स्वादिष्ट व्यंजन और मिठाइयों को भोग लगाते हैं. विधि विधान से पूजा और आरती करते हैं. सार्वजनिक (eco friendly Ganpati) जगहों या पंडाल में बहुत ही भव्य तरीके भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित की जाती है.

मार्केट में आपको हर साइज में भगवान गणेश की सुंदर मूर्ति मिल जाएंगी. ज्यादातर मूर्तियां प्लास्टर ऑफ पेरिस यानी की पीओपी की बनाई जाती हैं. जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है. ऐसे में ज्यादातर लोग इस समय इको-फ्रेंडली मूर्ति की तरह रुख कर रहे हैं. आप घर पर भी इस तरह से इको-फ्रेंडली मूर्ति बना सकते हैं.

eco friendly Ganpati – आप शुद्ध मिट्टी से गणपति की मूर्ति बना सकते हैं. इसके लिए सबसे पहले एक ऊंचे साइड वाली थाली लेकर उसमें नारियल तेल लगाएं. मिट्टी में थोड़ी मात्रा में पानी डालकर उसे अच्छी तरह गूंथ लें. मिट्टी नरम होने के बाद छोटे-छोटे हिस्से बनाकर भगवान गणेश के शरीर के अंग बनाएं. धीरे-धीरे उन हिस्सों को जोड़ते हुए पूरा स्वरूप तैयार करें. फिर इसे बाहर को निकालकर टूथपिक की मदद से साइड पर कमल का फूल बनाएं. इसके बाद मूर्ति को सूखने के लिए रख दें. इसे छाया में रखें, धूप में नहीं. अब सूखने के बाद हल्दी, कुमकुम या नेचुरल रंगों से मूर्ति में रंग भरें.

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