सतना। आस्था, संस्कृति और दिव्यता का प्रतीक चित्रकूट दीपावली मेला पर्व इस वर्ष पहले से कहीं अधिक भव्यता और व्यवस्थागत सुदृढ़ता के साथ आयोजित होने जा रहा है। 18 से 22 अक्टूबर तक चलने वाले इस पांच दिवसीय आयोजन में देश के कोने-कोने से लगभग 35 से 40 लाख श्रद्धालु तीर्थ यात्री आने की संभावना जताई गई है।
तीर्थ क्षेत्र में उमड़ने वाली इस जनश्रद्धा को सुव्यवस्थित रूप देने के लिए प्रशासन ने पूरी ताकत झोंक दी है। कलेक्टर सतना डॉक्टर सतीश कुमार एस ने बताया कि ‘चित्रकूट केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति का जीवंत प्रतीक है। प्रशासन का उद्देश्य श्रद्धालुओं को सुगमता, सुरक्षा और स्वच्छता के साथ एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करना है।’ इस वर्ष का चित्रकूट दीपावली मेला न केवल धार्मिक आस्था का पर्व होगा, बल्कि भारतीय संस्कृति, समरसता और स्वच्छता का राष्ट्रीय संदेश भी देगा।
कलेक्टर सतना के निर्देश पर विशेष मानचित्र जारी श्रद्धालुओं की सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए कलेक्टर सतना के निर्देश पर नगर परिषद चित्रकूट द्वारा संपूर्ण तीर्थ क्षेत्र का विस्तृत धार्मिक मानचित्र जारी किया गया है। इस मानचित्र में कामदगिरि परिक्रमा, रामघाट, भरतकूप, स्फटिक शिला, गुप्त गोदावरी, हनुमाधारा, सती अनुसुइया आश्रम, जनकिकुंड और अन्य प्रमुख स्थलों तक पहुंचने के सभी मार्गों, पार्किंग स्थलों, पेयजल व्यवस्था, प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों, सुरक्षा चौकियों और कंट्रोल रूम के स्थानों को स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है।
सुरक्षा और सुविधा पर विशेष ध्यान
मेला क्षेत्र को सात जोन और 21 सेक्टरों में विभाजित किया गया है। यातायात नियंत्रण, भीड़ प्रबंधन, आपातकालीन चिकित्सा सहायता और सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस, होमगार्ड, स्वास्थ्य विभाग और नगर परिषद की टीमें 24 घंटे ड्यूटी पर रहेंगी। विशेष रूप से रामघाट और कामदगिरि परिक्रमा मार्ग पर निगरानी के लिए ड्रोन कैमरे और सीसीटीवी नेटवर्क स्थापित किए जा रहे हैं।
पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता को प्राथमिकता
नगर परिषद द्वारा ‘स्वच्छ मेला–सुरक्षित मेला’ अभियान के तहत पूरे क्षेत्र में बायोडिग्रेडेबल सामग्री के उपयोग, कचरा पृथक्करण, मोबाइल टॉयलेट, और पीने के पानी की 50 अस्थायी टंकियों की व्यवस्था की गई है। स्वच्छता अभियान में स्थानीय स्वयंसेवी संगठन भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
प्रकाश और भक्ति का संगम
दीपावली पर्व के दौरान मंदाकिनी तट और कामदगिरि परिक्रमा क्षेत्र में लाखों दीपों की आभा से चित्रकूट झिलमिलाएगा। मेला परिसर में सांस्कृतिक संध्या, रामायण मंडलियों की प्रस्तुतियां, पारंपरिक झांकी और लोककलाओं का प्रदर्शन श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक आनंद की अनुभूति कराएगा।