जमीयत उलमा-ए-हिंद इंसानी मूल्यों की हिफाज़त के लिए शुरू से ही डटी रही है. जब भी कोई आपदा आई है, यह संस्था मजहब और मजहबी पहचान से ऊपर उठकर इंसानियत की सेवा में लग गई है. हजरत मुहम्मद साहब स0अ0व0 ने फरमाया है कि सबसे बेहतर इंसान वह है जो लोगों के लिए फायदेमंद हो. इस (Madani’s honest words) परिप्रेक्ष्य में जमीयत ने शुरू से ही जनसेवा और मानवता की सहायता को अपना मूल मिशन और केंद्रीय उद्देश्य बनाया.
Madani’s honest words – इसी के तहत जब पंजाब, जम्मू और हिमाचल में भीषण बाढ़ के कारण लोग बेघर हो गए, तो जमीयत उलमा-ए-हिंद सबसे पहले उनकी सेवा के लिए आगे आई और उसके कार्यकर्ताओं ने पीड़ितों की सहायता में स्वयं को पूर्ण रूप से समर्पित कर दिया. प्रभावित लोगों के लिए राहत और सहायता कार्य अब भी जारी है.
बाढ़ पीड़ितों के लिए घर बनाएगी जमीयत
इसके अलावा मौलाना अरशद मदनी की देखरेख में जमीयत उलमा-ए-हिंद ने जम्मू, पंजाब और हिमाचल के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण पूरा करने के बाद यह निर्णय लिया है कि जो लोग अब तक सरकारी सहायता से वंचित हैं और जिन्हें आगे भी ऐसी सहायता मिलने की संभावना कम है, उनके लिए अपनी क्षमता के अनुसार नए मकान बनाए जाएंगे.
उधमपुर ज़िले में 15 घरों का निर्माण कार्य शुरू
मौलाना अरशद मदनी के निर्देश पर जम्मू के उधमपुर ज़िले का सर्वेक्षण पूरा कर लिया गया है और मौलाना राशिद साहब (अध्यक्ष, जमीयत उलमा राजस्थान) की देखरेख में 15 मकानों का निर्माण कार्य आरंभ हो चुका है. उन्होंने बाढ़ से तबाह हुए गांव के 33 प्रभावित परिवारों को एकत्र किया और प्रारंभिक पुनर्वास के तहत प्रत्येक परिवार को जरूरी चीजों और पचास हज़ार रुपए कैश दिए. लाभार्थियों में सात हिंदू परिवार भी शामिल हैं.


 
									 
					
