गुरदासपुर: पिछले कुछ दिनों से पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश के चलते मैदानी इलाकों में भी मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। इसके साथ ही गुरदासपुर जिले से गुजरने वाली विभिन्न नदियों में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। गुरदासपुर से सटे जिलों में बने डैमों में भी लगातार पानी की मात्रा बढ़ रही है, जिसके कारण प्रशासन (administration on high alert) और संबंधित विभागों की ओर से सतर्कता और चौकसी और अधिक बढ़ा दी गई है।

 ब्यास नदी की स्थिति
ड्रेनेज विभाग के एक्सईएन दिलप्रीत सिंह ने बताया कि उन्होंने स्वयं विभिन्न नदियों का दौरा कर पानी की स्थिति और अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया है। उन्होंने बताया कि ब्यास नदी में एक लाख क्यूसेक तक पानी संभालने की क्षमता है, जबकि इस समय नदी में 65 हजार क्यूसेक पानी बह रहा है, जो खतरे के निशान से नीचे है। जहां भी तटबंध (धुस्सी) टूटने की आशंका थी, उन स्थानों को पहले ही मजबूत कर दिया गया है। संवेदनशील स्थानों पर मिट्टी की बोरियों की व्यवस्था कर दी गई है और टीमें तैनात की गई हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सके।

सीमा क्षेत्र से गुजरने वाली रावी नदी की स्थिति
दिलप्रीत सिंह ने बताया कि गुरदासपुर जिले से भारत-पाकिस्तान सीमा के (administration on high alert) साथ रावी और उज्ज नदी बहती हैं। उन्होंने बताया कि रावी नदी में 1.5 लाख क्यूसेक तक पानी बह सकता है, और इस समय धर्मकोट पत्तन के पास एक लाख क्यूसेक पानी बह रहा है। भले ही यह सामान्य से ज्यादा है, लेकिन यह अब भी खतरे के निशान से काफी नीचे है। उन्होंने कहा संभावित खतरे वाले स्थानों के लोगों को सतर्क कर दिया गया है लेकिन घबराने की कोई जरूरत नहीं है।

 

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