गाजीपुर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ मोहन राव भागवत ने सिद्धपीठ से गुरुवार को प्रस्थान करने से पूर्व कहा कि सिद्धपीठ एवं संत महात्माओं की धरती (Land Of Saints) पर आने से मैं रिचार्ज हो जाता हूं। सामाजिक कार्यों के लिए मुझमें नई ऊर्जा स्फूर्त हो जाती है। आरएसएस प्रमुख डॉ. भागवन ने कहा कि पर्यावरण की उन्नति ही हमारी व हमारे समाज की उन्नति है। हरा भरा व पर्यावरण के अनुकूल क्षेत्र देखकर हमें वहां के लोगों व वातावरण का आभास हो जाता है। पर्यावरण के प्रति सबसे अधिक जिम्मेदारी हमारी बनती है। इसलिए पर्यावरण के उन्नयन का सदैव ख्याल रखना चाहिए।
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Land Of Saints – उक्त बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन राव भागवत ने नवग्रह वाटिका पूजन के बाद कही। इस मौके पर क्षेत्र प्रचारक अनिल, काशी प्रांत प्रचारक रमेश, सह प्रान्त प्रचारक मुनीष, मुरली पाल, संतोष यादव समेत कई संघ के पदाधिकारियों ने पौधरोपण किया। सिद्धपीठ हथियाराम मठ पर अपने प्रवास के दूसरे दिन डॉ. भागवत सिद्धपीठ के विशाल वन क्षेत्र स्थित संत निवास पहुंचे, जहां उन्होंने नवग्रह पूजन और नवग्रह वाटिका की स्थापना किया। इस अवसर पर वैदिक विद्वानों ने नवग्रह के सभी वृक्षों का पूजन कराते हुए पौधरोपण कराया।
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सरसंघचालक डॉ मोहन राव भागवत आगमन के दौरान लगातार शहनाई वादकों व बैंड बाजा कलाकारों द्वारा राष्ट्रभक्ति व भक्ति गीतों के माध्यम से स्वागत किया जाता रहा। गुरुवार की सुबह जब वह कैलाश भवन से निकलकर संत निवास की ओर नवग्रह वाटिका पूजन के लिए जा रहे थे। उस समय भी वादकों ने अपनी प्रस्तुति की। सभी वाद्य यंत्र वादकों को खड़ाकर श्री भागवत ने उनके साथ फोटो खिंचाई। उस समय थोड़ा सा विनोद करते हुए उन्होंने वादको से कहा कि अभी बाजा बजाना छोड़ कर मेरे साथ खड़े हो जाओ, फोटो निकलने वाली है।