तीन आजाद विधायकों की ओर से प्रदेश की बीजेपी सरकार से समर्थन वापस लिए जाने के बाद जेजपी ने राज्यपाल को फ्लोर टेस्ट के लिए पत्र लिखा है. वहीं, इसे लेकर सीएम नायब सैनी के मीडिया सेक्रेटरी प्रवीण अत्री का कहना है कि ऐसा करने से केवल कुछ पार्टियां हास्य का पात्र मात्र बनी हैं.
उन्होंने कहा कि जिस पार्टी के अपने विधायकों का ठिकाना नहीं और वह पार्टी ऐसा कोई पत्र राज्यपाल को लिखे तो यह हास्यास्पद है. ये केवल जेजेपी और कांग्रेस की शेय और मात का खेल है. ये दोनों पार्टियों का अपने राजनीतिक अस्तित्व को बचाने प्रयास और बयानबाजी मात्र है.
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सराकर पूरी तरह बहुमत में
अत्री ने कहा कि सरकार पूरी तरह से बहुमत में है. लेकिन जब विधानसभा अध्यक्ष मीडिया के सामने आकर कहते हैं कि समर्थन वापिस लेने वाले विधायकों ने लिखित में अबतक कुछ नहीं दिया है. यदि अबतक लिखित में कुछ नहीं है तो इस पर चर्चा करना भी बेईमानी है. जहां तक बहुमत की बात है तो कांग्रेस के पास कोई बहुमत नहीं है. पहले भी अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था जो औंधे मुंह गिर गया था.
जेजेपी की स्थिती तो देवेंद्र बबली के बयान से समझी जा सकती है. उन्होंने खुद मीडिया में कहा है कि कहीं ऐसा ना हो कि हम सात विधायक अपना नेता बदल लें. वे दुष्यंत को अपना नेता नहीं समझते हैं. जिस राजनीतिक दल के ऐसे हालात हों उसे ऐसे पत्र लिख हास्य का पात्र नहीं बनना चाहिए.
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लोकसभा चुनाव भी जीत रही है बीजेपी
आज हरियाणा के अंदर सभी 10 सीटें बीजेपी जीत रही है. करनाल उप चुनाव में बीजेपी जीत रही है. इसी बौखलाट में ये दोनों दल इस तरह की चाल चल रहे हैं. इन्हें अपने राजनीतिक अस्तित्व की तरफ देखना चाहिए जो खतरे में है.
बीजेपी पर इस का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. बीजेपी के पास बहुमत है. भाजपा चुनाव जीतने वाली है. जनता मोदी और मनोहर लाल के काम पर बीजेपी को वोट देने जा रही है. ऐसे में इससे बीजेपी को कोई फर्क नहीं पड़ता.