Indian National Congress: मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोपों से मुक्ति की राह तलाश रही कांग्रेस की गाड़ी को उसके वरिष्ठ नेताओं ने ही पटरी से उतार दिया है। पहले, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा देने के साथ सवालों के रूप में गलतबयानी की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पूछ लिया कि किसे चंदा दूं? अब पार्टी को दुविधा में डालने का काम कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया ने किया है। राम भक्तों की आस्था को चोट पहुंचाने वाले विवादास्पद बयान (राम मंदिर के चंदे से दारू पी रहे भाजपाई) के बाद पार्टी बैकफुट पर है। दोनों नेताओं के बयानों ने साफ्ट हिंदुत्व की राह पर चलकर लोगों का समर्थन जुटाने में लगे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ की कोशिशों को झटका दिया है। हनुमान चालीसा का पाठ करवाकर हनुमान भक्त की छवि गढ़ने में लगे मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ को नगरीय निकाय चुनाव के पहले मुश्किलों की राह पर उनके नेताओं ने ही धकेल दिया है। कांग्रेस नेताओं के हिंदू विरोधी बयानों ने कांग्रेस के साफ्ट हिंदुत्व पर चलने के अब तक के प्रयासों पर पानी फेर दिया है। गौरतलब है कि मानसरोवर यात्रा से लौटने के बाद खुद को शिवभक्त बताने वाले कांग्रेस के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने 2018 में मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले चित्रकूट के कामतानाथ मंदिर में पूजा की थी।
Indian National Congress: दरअसल, भाजपा की कट्टर हिंदूवादी छवि से मुकाबला करने के लिए राहुल गांधी ने साफ्ट हिंदुत्व का मार्ग अपनाया था। धर्मनिरपेक्षता का दंभ भरने वाली कांग्रेस ने यहीं से हिंदुत्व की पिच पर बल्लेबाजी शुरू की और मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ सहित पांच राज्यों के चुनाव में हिंदुत्व को ही आधार बनाकर चुनाव लड़ा था। मध्य प्रदेश में तो कांग्रेस ने 21 सितंबर 2018 से ‘राम वनगमन पथ यात्रा निकाली थी। राहुल गांधी ने चित्रकूट राम दरबार से हिंदुत्व का जो कार्ड खेला, उससे कांग्रेस को मध्य प्रदेश में सफलता भी मिली थी। हिंदुत्व का कार्ड खेलने में पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी भी पीछे नहीं रहीं। वे भी कई मंदिरों में गईं। हनुमान भक्त हैं कमल नाथ: राहुल- प्रियंका के हिंदुत्व कार्ड की तुलना में कमल नाथ का रुख हिंदुत्व के प्रति नरम ही रहा है। वे खुद को हनुमान भक्त बताते आए हैं, अपने गृह नगर छिंदवाड़ा में हनुमानजी की विशालकाय मूर्ति लगवाई है। वे हनुमान चालीसा का पाठ भी कराते हैं। मध्य प्रदेश के 2018 के विधानसभा चुनाव में भी कमल नाथ ने घोषणा पत्र में 23 हजार गांवों में गोशालाएं बनवाने और राम वनगमन पथ बनाने की घोषणा की थी। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के भूमिपूजन के दौरान भी कमल नाथ ने कहा था कि मंदिर निर्माण का असली काम राजीव गांधी के कार्यकाल में ही शुरू हुआ था। मंदिर निर्माण के लिए कमल नाथ ने चांदी की 11 ईंटें भी भेजी थीं। अब पूर्व मंत्री ने किया भूरिया का समर्थन अब मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री डा. गोविंद सिंह ने कांतिलाल भूरिया का समर्थन किया है। उन्होंने कहा है कि भाजपा ने 20 साल पहले भी राममंदिर निर्माण की ईंटों के लिए चंदा किया था।
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अपनी नीति स्पष्ट करे कांग्रेस-कम्युनिस्ट: विहिप जैसे, रांची : राम मंदिर निधि समर्पण अभियान को लेकर कांग्रेस व कम्युनिस्ट पार्टी नेताओं के बयान और मंदिर निर्माण के लिए धन देने वाले अपने नेताओं के साथ जिस तरह का व्यवहार दोनों पार्टियां कर रही हैं, उस पर विहिप ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि भगवान राम, रामत्व और राम राज्य के बारे में इन दोनों पार्टियों को अपनी नीति स्पष्ट करनी चाहिए। इन दोनों पार्टियों ने यह दिखाने का काम किया है कि पार्टी में रहना है तो हिंदुत्व छोड़ना होगा। पार्टी में रहते हुए राम की बात की तो पार्टी विरोधी माने जाएंगे।
Indian National Congress: गुलाबी पत्थर की आपूर्ति की बढ़ी उम्मीद जासं, जयपुरः अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए राजस्थान के भरतपुर जिले के बंशी पहाड़पुर से गुलाबी बलुआ पत्थर की आपूर्ति शीघ्र शुरू होने की उम्मीद बढ़ी है। प्रदेश के मुख्य वन्यजीव वार्डन मोहन मीणा ने बताया कि सीएम अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई बैठक में गुलाबी बलुआ पत्थर के खनन के लिए अभयारण्य को निरूपित करने का प्रस्ताव पेश किया गया। स्थायी समिति की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। अब राज्य वन्यजीव बोर्ड में विचार किया जाएगा। इसे राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड के समक्ष अनुमोदन को भेजा जाएगा।
कांग्रेस धर्म प्रेमी पार्टी है। हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। हम कभी भी धर्म का उपयोग राजनीति में नहीं करते। राम मंदिर के निर्माण में हमारी भी आस्था है। हम भी चाहते हैं कि अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बने। भाजपा झूठ परोसती रहे, हमें फर्क नहीं पड़ता है। कमल नाथ
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