बिहार के मुजफ्फरपुर में मानवता को शर्मसार करने वाली एक सनसनीखेज घटना सामने आई है. यहां पारू थाना क्षेत्र के कोइरिया निजामत गांव में एक मां ने जन्म देने से पहले ही अपने नवजात पुत्र का सौदा (mother did shameful act) कर दिया. मामले में परिजनों के संदेह और शिकायत के बाद पुलिस ने नवजात की मां रानी देवी और स्थानीय आशा कर्मी रंभा देवी को हिरासत में लिया है.
जानकारी के अनुसार, कोइरिया निजामत निवासी आमोद कुमार की पत्नी रानी देवी को पांच दिसंबर की सुबह प्रसव के लिए पारू सीएचसी में भर्ती कराया गया था. डॉक्टरों की देखरेख में उसने एक पुत्र को जन्म दिया. कुछ घंटे बाद मां और बच्चा दोनों को छुट्टी दे दी गई.
आरोप है कि सीएचसी से निकलने के तुरंत बाद रानी देवी ने आशा कर्मी के साथ मिलकर नवजात को किसी नि:संतान दंपति को सौंप दिया. घर पहुंचने पर जब वह बिना शिशु के लौटी तो देवर और ग्रामीणों ने पूछताछ शुरू की. संतोषजनक जवाब न मिलने पर लोगों को शक हुआ. इसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ.
mother did shameful act – नवजात का सौदा करीब 1 लाख 60 हजार रुपये में हुआ. रानी देवी ने स्वीकार किया है कि उसे कुछ राशि मिल चुकी है, जबकि बाकी रकम अभी बकाया है. प्राथमिकी के अनुसार, बच्चे को संभवत निजी नर्सिंग होम के आसपास किसी दंपति को सौंपा गया है.
रानी देवी के देवर सुबोध कुमार साहनी ने आरोप लगाया कि नवजात को बेहतर इलाज के बहाने दूसरे अस्पताल में रखने की झूठी बात कही जा रही थी. उन्होंने यह भी बताया कि लगभग पांच माह पहले रानी देवी आशा कर्मी के साथ गर्भपात कराने गई थी, लेकिन गर्भपात नहीं हुआ. उसी दौरान बच्चे को बेचने की सौदेबाजी हुई थी. उस समय लगभग एक लाख रुपये देने की बात सामने आई थी, जबकि 60 हजार रुपये बाद में देने का सौदा तय हुआ था.
