गुरुग्राम-पाली मोड़ पर अरावली में अवैध रूप से बसी जमाई कॉलोनी (Illegal Colony) में लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को भी बुलडोजर चला। इस दौरान इस कॉलोनी के करीब 600 मकानों को नगर निगम के तोड़फोड़ दस्ते ने ध्वस्त कर दिया। बीते दो दिनों में करीब छह एकड़ जमीन खाली करवा ली गई है। शुक्रवार को भी नगर निगम का तोड़फोड़ दस्ता भारी पुलिस बल के साये में करीब 11 बजे जमाई कॉलोनी पहुंचा और तोड़फोड़ शुरू की।

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तोड़फोड़ दस्ते में करीब आठ मशीन शामिल रही। चार ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए। तोड़फोड़ के दौरान सभी रास्तों पर यातायात बंद कर दिया गया। भारी पुलिस बल के सामने लोगों ने मकान तोड़ने का विरोध अधिक नहीं कर पाए। कुछ लोगों ने विरोध करने का प्रयास किया, लेकिन भारी पुलिब बल के सामने उनकी एक नहीं चली। अपने मकानों को ध्वस्त होते देखते रहे। मकानों को हटाने की कार्रवाई के दौरान पुलिस की कड़ी नजर स्थानीय लोगों पर बनी रही।

Illegal Colony – जमाई कॉलोनी में अब तक करीब डेढ़ हजार मकान तोड़ दिए गए हैं। करीब पांच मकान बीते वर्ष तोड़े गए थे और इन दो दिनों में करीब एक हजार मकान तोड़ने का दावा नगर निगम ने किया है। नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक अब करीब 400 मकान और बचे हैं। दो दिन में इन्हें भी हटा दिया जाएगा। जमाई कॉलानी करीब 10 एकड़ जमीन पर बसी है। अभी तक करीब छह एकड़ जमीन खाली करवाई जा चुकी है।

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22 जुलाई को दिए गए सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक 25 अक्तूबर 1980 के बाद केंद्र सरकार की बगैर अनुमति के अरावली में किए अवैध निर्माणों को तीन महीने में धराशायी किया जाएगा। इससे संबंधित रिपोर्ट नगर निगम को 22 अक्तूबर तक सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत करनी है। सर्वोच्च न्यायालय के इस नए आदेश से अरावली में बने करीब 123 अवैध फार्महाउस समेत बैंक्वेटहॉल, शैक्षणिक संस्थान, धार्मिक स्थल, रिहायशी कॉलोनी, पर्यटन स्थल आदि निर्माणों को जमीदोज करना होगा। सर्वोच्च न्यायालय ने हरियाणा सरकार की दलील को खरिज कर दिया था कि अगर पीएलपीए-1900 की धारा तीन, चार व पांच को लागू किया तो करीब 40 फीसदी हिस्सा इनसे प्रभावित होगा। अदालत ने अरावली को वन क्षेत्र ही माना है। ऐसे में जिसके पास केंद्र सरकार की मंजूरी नहीं है, वे सभी अवैध हैं।

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