देहरादून : ऐसा कई बार हुआ है, जबकि चुनावी चुनौतियों के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को संदेश देने के लिए उत्तराखंड की धरती को चुना। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान भी मोदी का केदारनाथ धाम आना अभी तक सभी को याद है। अब पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के माहौल में मोदी एक बार उत्तराखंड के सीमांत जिलेपिथौरागढ़ में पहुंच रहे हैं। प्रधानमंत्री माेदी यहां से पूरे देश को कई संदेश देंगे। यह संदेश पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में तो भाजपा को ताकत तो देंगे ही, अगले (Hindutva Security And Development) साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए भी ऊर्जा जुटाने का काम करेंगे।
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Hindutva Security And Development – प्रधानमंत्री मोदी के पिथौरागढ़ दौरे से जो संदेश पूरी मजबूती से आगे निकलेंगे, उसमें हिन्दुत्व, सुरक्षा और विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता पर माना जा सकता है। इस बार पिथौरागढ़ की धरती से मोदी भगवान शिव के आदि कैलाश का दर्शन करेंगे। जागेश्वर धाम में पूजा-अर्चना करेंगे। हिन्दुत्व के जिस दर्शन को अपने अंदाज से मोदी ने पिछले वर्षों में प्रचारित करने का काम किया है, उसे पिथौरागढ़ में विस्तार मिलना तय है।
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मोदी का दौरा आंतरिक सुरक्षा के लिहाज से भी अहम है। चमोली जिले की तरह ही, पिथौरागढ़ की सीमाएं भी चीन से सटी हैं। उनकी केदारनाथ यात्रा में भी जहां हिन्दुत्व, सुरक्षा और विकास का सीधा संबंध था वहीं पिथौरागढ़ के 12 अक्टूबर के प्रस्तावित प्रवास में भी ये तीनों ही मजबूती से उपस्थित है। इसी क्रम में मोदी का सीमांत जिले में रहने वाले लोगों और वहां तैनात सेना और सुरक्षा बलों के जवानों से सीधे संवाद का भी कार्यक्रम है। साथ वे ही, 4200 करोड़ की योजनाओं का तोहफा भी देंगे। पिथौरागढ़ में गुरुवार को मोदी की जनसभा भी प्रस्तावित है। माना जा रहा है कि जनसभा में मोदी का जो भाषण होगा, उसके दूरगामी चुनावी निहितार्थ भी होंगे।