जबलपुर : मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने विक्रम अवार्ड-2023 पर्वतारोही भावना डेहरिया को दिए जाने पर अंतरिम रोक लगा दी. साहसिक खेलों के लिए दिए जाने वाले इस अवॉर्ड को लेकर एक और पर्वतारोही ने (ban on giving Vikram award) आपत्ति जताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. पर्वतारोही मेघा परमार की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि भावना से पहले माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने में वे आगे थीं.
क्या है विक्रम अवॉर्ड का पूरा मामला?
मध्य प्रदेश की सीहोर निवासी पर्वतारोही मेघा परमार ने इस याचिका में कहा कि मध्य प्रदेश शासन ने 2023 के साहसिक खेलों के लिए विक्रम अवार्ड की घोषणा की है. इसके अंतर्गत छिंदवाड़ा निवासी पर्वतारोही भावना डेहरिया का चयन किया गया है, उन्हें पर्वतारोही भावना के चयन से कोई आपत्ति नहीं है लेकिन उन्होंने बताया कि 22 मई 2019 को दुनिया की सबसे ऊंची छोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने वालों में वह अग्रणी थीं. पर्वतारोही ने याचिका में बताया कि उन्होंने भावना डेहरिया से पहले तिरंगा फहरा दिया था और दोनों के बीच पांच घंटे का अंतराल था.
कौन हैं भावना डेहरिया और मेघा परमार?
भारतीय पर्वतारोही भावना डेहरिया का जन्म 12 नवंबर 1991 को छिंदवाड़ा के तामिया में हुआ था. वे किलिमंजारो, कोस्यूस्को, माउंट एवरेस्ट और एल्ब्रुस पर चढ़ाई कर चुकी हैं. उन्होंने 22 मई 2019 को माउंट एवरेस्ट की चोटी पर फतह हासिल की थी. वहीं, मेघा परमार भी एक भारतीय पर्वतारोही है, जो मूल रूप से सीहोर जिले के भोज नगर से (ban on giving Vikram award) आती हैं. मेघा ने भी भावना की तरह 22 मई 2019 को एवरेस्ट फतह किया था और तभी से दोनों के बीच इस बात को लेकर तनातनी है.

