Women rendered homeless due to domestic violence in Haryana got support of Sakhi

हिसार लघु सचिवालय परिसर में बना सखी सेंटर
– फोटो : अमर उजाला


हरियाणा में एक कहावत काफी प्रचलित है दारू और ताश घर का करै नाश। नशे के कारण घर तो बर्बाद हो ही रहे हैं साथ में शरीर भी खोखला होता है। नशे के कारण घरेलू हिंसा के मामले बढ़ने से कई घर उजड़ गए हैं तो कई परिवार टूटने की कागार पर पहुंच चुके हैं। ऐसे में घरेलू हिंसा की वजह से बेघर हुईं (भटकीं) महिलाओं को दोबारा सहारा दिलाने में सखी सेंटर मददगार बने।

महीने में करीब 25 से 30 महिलाएं मदद के लिए पहुंच रही

सखी सेंटर में आने के बाद महिलाओं को रहने-खाने की सुविधा मिलती है। सखी में उनकी काउंसिलिंग करवाई जाती है और कानूनी लड़ाई के लिए वकील मुहैया करवाया जाता है। प्रदेश की बात करें तो घरेलू हिंसा के सबसे अधिक मामले फरीदाबाद और करनाल में सामने आए हैं। वहीं, घरेलू हिंसा के मामले में हिसार 10वें पायदान पर है। हिसार के सखी सेंटर पर हर माह करीब 25 से 30 महिलाएं मदद के लिए पहुंच रही हैं।

अधिकारी के अनुसार

महिला संरक्षण अधिकारी बबीता चौधरी का कहना है कि आए दिन घरेलू हिंसा के मामले आ रहे हैं। ज्यादातर मामले 18 से 35 साल की महिलाओं के आते हैं। सखी सेंटर में आने वाली पीड़ित महिलाओं की जब काउंसिलिंग करवाई जाती है तो वे बताती हैं कि उनके पति नशे आदी है। जब पति को नशा करने से रोकती हैं तो मारपीट करता है। कई बार घर से बाहर निकाल देता है। नशा करने के कारण पति कोई काम धंधा नहीं करता। नशे और बेरोजगारी की चक्की में पीसते-पीसते जान निकलने को रहती है।

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