पहले जानते हैं ईएसआई है क्या?
ईएसआई कानून को 1948 में कर्मचारी राज्य बीमा कानून के अंतर्गत लागू किया गया था| इस कानून के अंतर्गत बीमित व्यक्तियों को चिकित्सा, नकदी, मातृत्व, निशक्तता और आश्रित होने के लाभ प्रदान करता है|
ईएसआई कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) द्वारा प्रशासित है| ईएसआई कानून के अंतर्गत उपलब्ध कराए जाने वाले लाभ नियोक्ताओं और कर्मचारियों द्वारा किए गए अंशदान के माध्यम से वित्त पोषित होते हैं|
श्रम और रोजगार मंत्रालय के जरिये ईएसआई कानून के अंतर्गत अंशदान की दर तय करती है| वर्तमान में अंशदान की दर वेतन का 6.5 प्रतिशत निर्धारित है, लेकिन सरकार के नए फैसले के बाद इस दर को मौजूदा 6.5% से घटाकर 4% कर दिया है|
सरकार ने नियोक्ताओं और कर्मचारियों के ईएसआई योगदान को मौजूदा 6.5% से घटाकर 4% कर दिया है| जिसमे नियोक्ता का अंशदान 4.75% से घटाकर 3.25% और कर्मचारी का अंशदान 1.75% से घटाकर 0.75% करने का फैसला किया है|
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इस कदम से 3.6 करोड़ कर्मचारी और 12.85 लाख नियोक्ता लाभान्वित होंगे|गुरुवार को केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने ये जानकारी एक विज्ञापन द्वारा दी| सरकार ने संगठित क्षेत्र के कर्मियों को बहुत राहत दी है इससे कंपनियों को सालाना लगभग पांच हजार करोड़ रुपये की बचत होगी|
इस पूरी घटना पे मंत्रालय ने कहा कि “अंशदान की घटी हुई दर से कामगारों को बहुत राहत मिलेगी तथा इससे और अधिक कामगारों को ईएसआई योजना में लाने में सहायता मिलेगी|
साथ ही, इससे ज्यादा से ज्यादा श्रमिक बल को औपचारिक क्षेत्र के अंतर्गत लाना आसान होगा| इसी तरह, अंशदान में नियोक्ता के हिस्से में कमी होने से कंपनियों पर वित्तीय बोझ घटेगा, जिससे इनकी व्यावहारिकता में सुधार आएगा| इससे कारोबार करने की सुगमता में और भी ज्यादा बढ़ोतरी होगी|”
मोदी सरकार द्वारा उठाये गए खास कदमो में यह कदम सबसे खास साबित होने वाला है|
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