प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कृषि क्षेत्र के लिए 35,440 करोड़ रुपये की दो प्रमुख योजनाओं का शुभारंभ किया. इनमें आयात पर निर्भरता कम करने के लिए एक दाल मिशन शामिल है. यह कार्यक्रम समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर आयोजित किया गया. उन्होंने कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन और (gift of RS 35440 crore) खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों में 5,450 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया. साथ ही लगभग 815 करोड़ रुपये की अन्य परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी.
‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ के लिए 11,440 करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा और इसका लक्ष्य फसल वर्ष 2030-31 तक दलहन उत्पादन को मौजूदा 252.38 लाख टन से बढ़ाकर 350 लाख टन करना और देश की आयात निर्भरता को कम करना है.
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इसके अलावा 24,000 करोड़ रुपये की ‘प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना’ का मकसद कम प्रदर्शन करने वाले 100 कृषि जिलों का कायाकल्प करना है. यह योजना उत्पादकता बढ़ाने, फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने, सिंचाई और भंडारण में सुधार लाने और चुनिंदा 100 जिलों में आसानी से ऋण देने पर केंद्रित होगी. दोनों योजनाओं को मंत्रिमंडल की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है और ये आगामी रबी सत्र से लेकर 2030-31 तक चलेंगी.
gift of RS 35440 crore – प्रधानमंत्री की ओर से उद्घाटन की गई परियोजनाओं में बेंगलुरु और जम्मू-कश्मीर में कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण केंद्र, अमरेली और बनास में उत्कृष्टता केंद्र, राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत असम में एक आईवीएफ प्रयोगशाला, मेहसाणा, इंदौर और भीलवाड़ा में दूध पाउडर संयंत्र और तेजपुर में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत एक मछली चारा संयंत्र शामिल हैं.