Frankfurt. पूरी दुनिया में कहर मचा रही कोरोना की दूसरी लहर के बीच एक अच्छी खबर आई है. जल्द ही बच्चों के लिए भी इस घातक बीमारी से बचने के लिए वैक्सीन आ जाएगी. दरअसल, जर्मनी की दवा कंपनी बायोएनटेक का कहना है कि वह यूरोप में 12 से 15 साल के बच्चों के लिए जून में कोरोना की वैक्सीन लॉन्च करेगी.
फाइजर और उसकी सहयोगी जर्मन कंपनी बायोएनटेक ने इसी साल मार्च के अंत में यह दावा किया था कि उसकी कोविड- 19 वैक्सीन 12 साल से बड़ी उम्र के बच्चों के लिए भी पूरी तरह सुरक्षित और वयस्कों की तरह ही कोराना वायरस महामारी का असर रोकने में कारगर है. कंपनी ने 12 से 15 साल की उम्र वाले 2,260 अमेरिकी वालंटियरों को कोरोना की वैक्सीन देने के बाद सामने आए प्राथमिक डाटा के आधार पर यह दावा किया.
स्कूली बच्चों के लिए अहम कदम फाइजर ने बच्चों के टीके के दूसरे फेज का ट्रायल भी शुरू कर दिया है. इस परीक्षण में 5,000 बच्चों को शामिल किया जा रहा है. अगर सब कुछ सही रहा तो जल्द ही टीका बाजार में आ जाएगा. मॉडर्न के मुख्य जांचकर्ता डॉ. स्टीव प्लैम्पटन ने बताया कि शोधकर्ता छोटे बच्चों के साथ मानव परीक्षण शुरू कर वैक्सीन का रिस्पॉन्स देखना चाहते हैं.
मानव परीक्षण में शामिल हर बच्चे को 28 दिन के अंतराल पर दो डोज लगाया जाएगा जैसा कि वर्तमान में वैक्सीन लेने वाले वयस्कों के साथ किया जा रहा है. फाइजर के सीईओ अल्बअ बौरला ने कहा कि उनकी कंपनी जल्द ही 12 साल से बड़ी उम्र के बच्चों के लिए वैक्सीन उपयोग की आपातकालीन मंजूरी मांगने के लिए यूएसएफडीए और यूरोपीय नियामकों के पास आवेदन दाखिल करेगी.
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फाइजर का पहला चरण 100% प्रभावी फाइजर ने बताया कि 12 से 15 वर्ष की आयु के बच्चों में उनका टीका 100% प्रभावी है. कंपनी ने दावा किया कि उसकी कोविड 19 वैक्सीन 12 साल से बड़ी उम्र के बच्चों के लिए भी पूरी तरह सुरक्षित और वयस्कों की तरह ही कोराना वायरस महामारी का असर रोकने में कारगर है.
फाइजर ने 12 से 15 साल की उम्र वाले 2,260 अमेरिकी वालंटियरों को कोविड- 19 वैक्सीन देने के बाद सामने आए प्राथमिक डाटा के आधार पर यह दावा किया है. फाइजर का यह दावा स्कूलों में बच्चों को वापस लौटाने की दिशा में बेहद अहम माना जा रहा है.
कई कंपनियां बना रहीं टीका करीब आधा दर्जन से अधिक कंपनियां बच्चों के लिए कोरोना वायरस से बचाव का टीका बाजार में उतारने की होड़ में जुटी हैं. अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना भी 12 से 17 साल तक के बच्चों पर वैक्सीन के प्रभाव को लेकर शोध कर रही है. एस्ट्राजेनेका पिछले महीने ही ब्रिटेन में 6 से 17 साल तक की उम्र वाले बच्चों पर वैक्सीन के प्रभाव पर शोध शुरू कर चुकी है.
6 माह के बच्चे को भी लगेगा टीका अमेरिका की दवा निर्माता कंपनी फाइजर और मॉडर्न ने माता पिता की सहमति से छह माह के बच्चे पर टीका परीक्षण शुरू कर दिया है. दोनों कंपनियों ने दावा किया है कि नया टीका नवजात शिशु के लिए भी कारगर रहेगा.
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