उत्तर प्रदेश के अम्बेडकर नगर जिले में पूर्व सीएम और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह की जमीन धोखाधड़ी करके बेच डाली गई. पूरा मामला तब सामने आया जब जमीन की देखभाल करने वाले (Former CM Digvijay Singhs Land Was Sold) अनिल यादव ने शुक्रवार को देखा कि वहां पर निर्माण कार्य चल रहा है, जिसके बाद तुरंत जिला मजिस्ट्रेट, उप-जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस से इसकी शिकायत दर्ज कराई गई. अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में जांच की जा रही है.
दिग्विजय सिंह की ये जमीन 0.152 हेक्टेयर है, जो अंबेडकर नगर जिले के आलापुर तहसील के रामनगर महुवार गांव में स्थित है. पहले यह जमीन दिग्विजय सिंह मां, अपर्णा देवी के नाम थी, जिनका 1986 में निधन हो गया था. इसके बाद सिंह ने इस जमीन का उत्तराधिकार (विरासत) लेने के लिए आवेदन किया और 18 मई 2024 को उनके नाम पर जमीन दर्ज कर दी गई.
निर्माण कार्य शुरू होने पर पता चला पूरा खेल
अनिल यादव ने तहसील प्रशासन और पुलिस को बताया कि आलापुर तहसील के केवटला गांव के रहने वाले राम हरक चौहान ने 1989 में खुद को दिग्विजय बताकर जमीन अपने नाम कर ली, जिसे बाद में रिटायर अपर पुलिस अधीक्षक जियालाल और राम नगर महुवार गांव निवासी राजबहादुर को जमीन बेच दी.
Former CM Digvijay Singhs Land Was Sold – खरीदारों के परिवार के सदस्यों ने शुक्रवार को जमीन पर निर्माण शुरू कर दिया, जिसके बाद यादव ने शिकायत दर्ज कराई गई. यह कैसे संभव हुआ, यह एक बड़ा सवाल है। क्या राजस्व रिकॉर्ड में कोई खामी थी या फिर कोई जानबूझकर धोखाधड़ी की गई? इस बारे में फिलहाल जांच की जा रही है.
जांच में जुटे अधिकारी
अधिकारियों ने बताया कि तहसील प्रशासन ने निर्माण कार्य रोक दिया है और भूमि रिकॉर्ड की जांच शुरू कर दी गई है. आलापुर तहसील के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि भूमि अभी भी आधिकारिक तौर पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के नाम पर पंजीकृत है. उन्होंने कहा कि जमीन पर निर्माण कार्य रोक दिया गया है और तहसील प्रशासन मामले की जांच कर रहा है.