Farmers Protest: कृषि कानून के मसले पर सरकार और किसानों के बीच चल रहा गतिरोध जारी है। इस बीच किसान आंदोलन को लेकर आज देश की सर्वोच्च अदालत में सुनवाई होनी है। सुप्रीम कोर्ट में कृषि कानून, किसान आंदोलन और अन्य मसलों पर अलग-अलग याचिकाएं दाखिल की गई है। दूसरी ओर दिल्ली की सर्दी में भी किसान अपनी जिद पर अड़े हैं और आंदोलन बरकरार है। याचिका में कहा गया है कि धरना-प्रदर्शन से आम लोगों को भारी परेशानी हो रही है। आज सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई करेगा। चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की बेंच सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाएं दाखिल की गई हैं।

चिल्ला बॉर्डर जाम करने का एलान –
राजनाथ सिंह से बातचीत के बाद एकबार ऐसा लगा था कि किसान मान गए हैं, लेकिन अब किसानों ने फिर बॉर्डर को बंद करने की धमकी दी है। जिससे नोएडा निवासियों के लिए खासा परेशानी खड़ी हो सकती है। हजारों लोग दिल्ली-नोएडा सफर करते हैं। यदि चिल्ला बॉर्डर फिर से बंद होता है तो दिल्ली नोएडा सफर करने वालों के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है।
सिंघु बॉर्डर पर प्रेस कांफ्रेंस में किसान नेता जगजीत दल्लेवाल ने कहा, सरकार कह रही है कि कानून वापस नहीं लेंगे। हम भी साफ बता देते हैं कि सरकार को वापस लेने पर मजबूर कर देंगे। हमारी लड़ाई उस मुकाम पर पहुंच गई है कि अब हर हाल में हमें जीत ही चाहिए फिर चाहे कुछ भी हो जाए।
Farmers Protest: उन्होंने कहा, हम बातचीत से भाग नहीं रहे हैं, लेकिन सरकार को हमारी मांगों पर ध्यान देना होगा और ठोस प्रस्तावों के साथ आगे आना होगा। सरकार किसानों को दिल्ली आने से रोक रही है, इसके बावजूद किसानों का हौसला कम नहीं हो रहा। अगले तीन चार दिनों में और किसान महिलाएं इस आंदोलन में हिस्सा लेने पहुंचेंगी। हम आंदोलन को और बड़ा करेंगे।

20 को ‘शहीद’ किसानों को देंगे श्रद्धांजलि
दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों ने सरकार पर उनके समुदाय के लिए सहानुभूति में कमी होने का आरोप लगाया है और उन किसानों के लिए एक दिन के शोक की घोषणा की है, जिनकी वो आंदोलन के दौरान मृत्यु होने का दावा कर रहे हैं. 35 किसान संगठनों ने कहा है कि 26 नवंबर से शुरू हुए किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले 20 किसानों के लिए रविवार को देश भर के गांवों में शोक मनाया जाएगा. भारतीय किसान यूनियन (सिद्धपुर) के अध्यक्ष जगजीत सिंह ने कहा, “26 नवंबर से शुरू हुए इस आंदोलन के बाद से हर दिन औसतन एक किसान की मौत हुई है. हम देश के सभी गांवों में 20 दिसंबर को इस दौरान शहीद हुए सभी किसानों को श्रद्धांजलि देंगे. जब उनके नाम और तस्वीरें गांवों में पहुंचेगी तो हमारे संघर्ष में जुड़ने के लिए और लोग सामने आएंगे.”
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एमएसपी रहेगी बरकरार, सरकार असली संगठनों से बातचीत की इच्छुक: तोमर
Farmers Protest: सरकार और आंदोलन कर रहे कुछ किसान संगठनों में जारी तनातनी के बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को कहा, एमएसपी जैसे है, वैसे ही बरकरार रहेगी। सरकार सिर्फ असली किसान संगठनों से बातचीत आगे बढ़ाने को इच्छुक है। उन्होंने कहा, देश के तमाम राज्य इन तीनों कानूनों का समर्थन कर चुके हैं। इसके बावजूद सरकार असली किसान संगठनों के साथ उनकी समस्याओं पर खुलकर बात करने को तैयार है।

तोमर ने यह बयान यूपी के संगठन भारतीय किसान यूनियन (किसान) से मुलाकात के बाद दिया। संगठन ने कृषि कानूनों और एमएसपी से जुड़े कुछ सुझावों का एक ज्ञापन कृषि मंत्री को सौंपा और यूपी में अपना आंदोलन खत्म करने एलान किया। ये संगठन उन 40 किसान समूहों में नहीं हैं जो दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं।