राज्य में कोविड के बढ़ते संक्रमण के बीच आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति तथा उत्पादन और रोजगार की निरंतरता के लिए राज्य में औद्योगिक इकाइयां निरंतर चलती रहेंगी। रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू की अवधि में भी सरकार के अगले आदेश तक किसी भी फैक्ट्री/उत्पादन इकाई में उत्पादन बंद नहीं होगा। न ही कोई इकाई बंद होगी। जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि दवाएं, सैनिटाइजर, चिकित्सीय उपकरणों के साथ ही खाद्य पदार्थ, ब्रेड, बिस्किट, आटा, चावल, दाल, खाद्य तेल, चीनी, पीने का पानी, दुग्ध उत्पाद तथा अन्य जरूरी उत्पादों के उत्पादन पर कोई असर ना पड़े। मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने इसके लिए विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए हैं। जो भी कार्मिक इन एमएसएमई इकाइयों में कार्यरत हैं उन्हें प्रोत्साहित करने का काम इकाई प्रबंधन के साथ ही उपायुक्त जिला उद्योग एवं श्रम तथा अन्य विभागों के अधिकारी करेंगे।
कार्मिकों के रहने का प्रबंध उद्योग परिसर में करने का सुझावः इकाइयों में कोविड प्रोटोकाल का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। वह इकाई जहां पर बड़ी संख्या में कार्मिक कार्यरत हैं वहां दूर से आने वाले कार्मिकों को सुरक्षित रहने का प्रबंध संबंधित इकाई परिसर में ही किए जाने का सुझाव दिया गया है। जिलाधिकारी जिले के सीएमओ के माध्यम से यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी कार्मिकों का एंटीजन टेस्ट तथा लक्षण वाले कार्मिकों की आरटीपीसीआरजांच हो जाए।
उत्पादन बढ़ाने के निर्देशः जिन जिलों में मेडिकल किट, दवाईयां तथा कोविड से बचाव व इलाज से संबंधित इकाइयां हैं उनकी उत्पादन क्षमता बढ़ाने को कहा गया है। उत्पादन, आपूर्ति तथा ट्रांसपोटेशन में इकाई प्रबंधन को कोई दिक्कत ना हो यह व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है। जिन जिलों में सैनेटाइजर बनाने के लिए एल्कोहल के लिए चीनी मिल अधिकृत हैं वहां पर इकाइयों के लाइसेंस, उत्पादन तथा आपूर्ति की निरंतरता की बाधाएं दूर करने को कहा गया है। एमएसएमई इकाइयों को मास्क, पीपीई किट, ग्लब्स, सैनेटाइजर, पैकेजिंग तथा कोविड से जुड़े अन्य उत्पादों को बढ़ाने में पूरा सहयोग दिया जाएगा। ऐसी इकाइयों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने की कोशिश करने के निर्देश दिए गए हैं।