नई दिल्ली : दिल्ली की इमारतों में सोलर पैनल लगाने की नीति नगर निगम प्रशासन तैयार कर रहा है। इस प्रणाली के जरिए निगम ने अपनी बिजली उत्पादन की क्षमता को बढ़ाने का फैसला किया है। इमारतों में सोलर पैनल लगने के बाद इसे बिजली कंपनियों के ग्रिड में
भेजा जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में निगम ने 400 से अधिक इमारतों में सोलर पैनल लगाने की रूपरेखा बनाई है। अभी मौजूदा समय में निगम की लगभग 600 इमारतों में सोलर पैनल लगे हुए हैं। इनसे हर दिन 14 मेगावाट तक बिजली उत्पन्न होती है। इसे औसत क्रय लागत (Electricity Generation By Solar Panels) के तहत बिजली कंपनियों को दिया जा रहा है।
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अधिकारियों ने बताया कि अगले वर्ष मार्च तक निगम की अपनी और अन्य इमारतों में सोलर पैनल लगाए जाएंगे। इसके बाद सोलर पैनल के जरिए बिजली उत्पादन की क्षमता 14 मेगावाट से बढ़कर 25 मेगावाट तक हो जाएगी। साथ ही, व्यावसायिक प्रतिष्ठान अपनी इमारतों में खुद सोलर पैनल लगा सकेंगे। निगम के साथ मिलकर व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को समझौता करना होगा। इसके बाद निगम बिजली कंपनियों के ग्रिड में जनरेट होने वाली बिजली को पहुंचाएगा।
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Electricity Generation By Solar Panels – अधिकारियों ने बताया कि इस नई व्यवस्था से निगम के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी। पूर्ववर्ती उत्तरी दिल्ली नगर निगम और पूर्ववर्ती पूर्वी दिल्ली नगर निगम को मिलाकर लगभग 200 इमारतों में सोलर पैनल लगाए गए थे। इसके अतिरिक्त पूर्ववर्ती दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की 400 इमारतों में सोलर पैनल लगाए थे। अब नई नीति के जरिए अधिक इमारतों में सोलर पैनल लगाने पर जोर दे रहे हैं।