चुनाव आयोग ने गुरुवार को 15 राज्यों में राज्यसभा की 57 सीटों के लिए चुनाव कार्यक्रम घोषित कर दिया। यूपी की 11 सीटों समेत इन सीटों के लिए 10 जून को चुनाव (Election In UP) होने हैं।राज्यसभा चुनाव समाजवादी पार्टी और उसके विधायकों की एकजुटता का भी इम्तहान होगा। शिवपाल यादव व आजम खां प्रकरण को लेकर सपा में पहले से ही खींचतान चल रही है। संसद के उच्च सदन के लिए होने वाले इस चुनाव में अगर वोटिंग की नौबत आई तो सपा खेमे के लिए अपने उन विधायकों का एकजुट रख पाना बड़ी चुनौती होगी। दबे स्वर में बागी तेवर दिखा विधायक क्रास वोटिंग कर सकते हैं।
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विधानसभा चुनाव नतीजे आने के बाद से ही जेल में बंद सपा विधायक आजम खां की नाराजगी बड़ा सवाल बना हुआ है। इसको लेकर सपा पर उनकी उपेक्षा का आरोप भाजपा तक लगा चुकी है। सपा मुखिया अखिलेश यादव को कई बार बताना पड़ रहा है कि उनकी पार्टी आजम खां के साथ है। जबकि उन्हीं की पार्टी के विधायक शिवपाल यादव आजम खां के सवाल पर अखिलेश ही नहीं मुलायम सिंह यादव को घेर चुके हैं। आजम खां व शिवपाल के साथ उनके समर्थक विधायक राज्यसभा वोटिंग में इधर-उधर हो सकते हैं। इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। ऐसे विधायकों की तादाद के बारे अभी अंदाजा ही लगाया जा सकता है।
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Election In UP – सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव इस बार अपने सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी को राज्यसभा भेज सकते हैं। रालोद सपा का गठबंधन काफी समय से चला आ रहा है। इसके अलावा पूर्व नौकरशाह आलोक रंजन को प्रत्याशी बनाया जा सकता है। आलोक रंजन अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्वकाल में यूपी के मुख्य सचिव थे। उन्होंने इस बार के विधानसभा चुनाव में सपा का घोषणा पत्र तैयार कराने में अहम भूमिका निभाई थी। इसके महाराष्ट्र से सपा नेता अबु हसन आजमी को भी प्रत्याशी बनाया जा सकता है। वैसे राज्यसभा के लिए कई और दावेदार भी टिकट के लिए लगे हैं।