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    Home » पितृ पक्ष में द्वादशी श्राद्ध कल, इस विधि से करें पिंडदान, पितृ होंगे प्रसन्न और देंगे आशीर्वाद!

    पितृ पक्ष में द्वादशी श्राद्ध कल, इस विधि से करें पिंडदान, पितृ होंगे प्रसन्न और देंगे आशीर्वाद!

    September 17, 2025 धार्मिक 2 Mins Read
    Dwadashi Shraddha tomorrow
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    पितृपक्ष का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है .इसे श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है, जिसमें अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि दी जाती है. मान्यता है कि इस समय किए गए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म से पितृ तृप्त होकर आशीर्वाद देते हैं. इसी क्रम में द्वादशी श्राद्ध इस बार गुरुवार, 18 सितंबर 2025 को मनाया जाएगा. यह श्राद्ध मुख्य रूप से उन (Dwadashi Shraddha tomorrow) पूर्वजों के लिए किया जाता है, जिनकी मृत्यु द्वादशी तिथि को हुई हो.  

    श्राद्ध वाले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें. घर की दक्षिण दिशा को साफ करें और एक जगह पर गंगाजल छिड़ककर उसे पवित्र करें. श्राद्ध कर्म के लिए आवश्यक सामग्री जुटा लें. जैसे तिल, जौ, चावल, कुश, गंगाजल, दूध, दही, शहद, घी, और पितरों को पसंद आने वाले पकवान बनाएं. दोपहर 12 बजे के बाद श्राद्ध का शुभ मुहूर्त शुरू होता है, इसलिए सभी तैयारी समय से कर लें.  

    Dwadashi Shraddha tomorrow – पिंडों पर गंगाजल, दूध, शहद और पुष्प अर्पित करें. पिंड को धूप-दीप दिखाएं और हाथ जोड़कर पितरों से प्रार्थना करें. श्राद्ध का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा ब्राह्मणों को भोजन कराना है. कम से कम एक ब्राह्मण को श्रद्धापूर्वक भोजन कराएं. भोजन के बाद, ब्राह्मण को दान-दक्षिणा दें और उनका आशीर्वाद लें. यदि ब्राह्मण को भोजन कराना संभव न हो, तो भोजन की सामग्री किसी जरूरतमंद को दान कर दें. पिंडदान के बाद, पितरों का अंश मानकर भोजन का एक हिस्सा कौओं के लिए, एक गाय के लिए और एक कुत्ते के लिए निकालें.  

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