जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के नेता दुष्यंत चौटाला ने तीन निर्दलिय विधायकों द्वारा अपना समर्थन वापस लेने के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की आलोचना करते हुए कहा कि मनोहर लाल के रहते उन्हें कभी ऐसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ा।
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मनोहर सरकार में कभी नहीं हुआ ऐसा
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जब हम मनोहर लाल के साथ सरकार में थे तो हमें कभी ऐसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ा कि कोई अपना समर्थन वापस ले रहा हो। आज कांग्रेस में शामिल होने वाले निर्दलीय विधायकों से पता चलता है कि भाजपा कितनी कमजोर हो गई है। वहीं, इससे पहले उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा था कि भाजपा की सरकार अब अल्पमत में है। इसके साथ ही हरियाणा की बीजेपी सरकार के खिलाफ विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव भी लाने की बाते सामने आई है।
तीन निर्दलिय विधायकों ने समर्थन लिया वापस
इससे पहले 7 मई को हरियाणा सरकार को उस समय झटका लगा था, जब तीन निर्दलीय विधायकों ने नायब सैनी सरकार से समर्थन वापस ले लिया था, जिससे सरकार अल्पमत में आ गई थी। तीन विधायक पुंडरी से रणधीर गोलन, नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोंदर और चरखी दादरी से सोमबीर सिंह सांगवान हैं। इन सभी ने कांग्रेस को समर्थन देने का फैसला किया है।
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जाने क्या कहता है सीटों का समीकरण
हरियाणा के 90 सीटों वाले सदन में भाजपा के 39, कांग्रेस के 30, जन नायक जनता पार्टी के 10, हरियाणा लोकहित पार्टी (एचएलपी) के एक और इंडियन नेशनल लोकदल के एक और सात निर्दलीय विधायक हैं। भाजपा के पास शुरू में 41 विधायक थे, लेकिन दो विधायकों के इस्तीफे के बाद करनाल और रनिया सीटें खाली होने पर यह घटकर 39 रह गए हैं। पहले सात में से छह निर्दलीय विधायक बीजेपी का समर्थन करते थे। लेकिन तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद, वर्तमान में भाजपा के पास तीन निर्दलीय और एक एचएलपी विधायक का समर्थन है।