अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और 22 जनवरी को इसका उद्घाटन होने वाला है. लेकिन मंदिर के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली सामग्री और तकनीक पर सभी की नजर है. आखिर यह मंदिर कितना मजबूत होगा और यह कितने सालों तक रहेगा? इस सवाल का जवाब मंदिर के आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा ने दिया है.
इसे भी पढ़ें –योगी ने चौधरी चरण सिंह की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की, कृषक उपहार योजना के तहत 51 किसानों को दिए ट्रैक्टर
राम मंदिर का पत्थर जितना पुराना होगा उतना मजबूत
चंद्रकांत सोमपुरा ने बताया कि मंदिर का निर्माण ऐसी सामग्री से किया जा रहा है, जो मजबूत और टिकाऊ है. राम मंदिर को बनाने के लिए बंसी पहाड़पुर के पिंक स्टोन और बलुआ पत्थर का इस्तेमाल हो रहा है, जो हजारों सालों तक टिके रहने वाले हैं. उन्होंने बताया कि बंसी पहाड़पुर का पत्थर जितना पुराना होता जाएगा वो उतना ही मजबूत होता जाएगा.
इसे भी पढ़ें – देखो-देखो कौन आया, शेर आया, शेर आया, किसान महासम्मेलन में सीएम…
स्टील का एक कण भी नहीं किया गया है इस्तेमाल
राम मंदिर बनाने में स्टील का एक कण भी यूज नहीं किया गया है. उन्होंने बताया कि स्टील की जीवनकाल कम होता है. स्टील में जंग लगते के चांसेस होते है, ऐसे में राम मंदिर बनाने के लिए बंसी पहाड़पुर के स्टोन और बलुआ पत्थर का इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि मंदिर हजारों साल तक मजबूती से खड़ा रहे.