मध्य प्रदेश के ड्रग विभाग में 6 हजार सैंपल ऐसे हैं, जिनकी रिपोर्ट आनी बाकी है. जांच रिपोर्ट आने में करीब 1 साल का समय लग सकता है. इसका सबसे बड़ा कारण है प्रदेश के फूड और ड्रग विभाग में स्टाफ की कमी और आधुनिक मशीनों की कमी. न तो पर्याप्त लोग हैं, जो जांच कर सके ना ही वैसी आधुनिक मशीन जिससे सैंपल की (Drug department is in bad shape) जांच जल्द से जल्द हो सके. टीवी9 भारतवर्ष से बातचीत में ज्वाइंट ड्रग कंट्रोलर टीना यादव ने इस बात को स्वीकार किया है.
Drug department is in bad shape – सिरप की जांच मामले में ज्वाइंट ड्रग कंट्रोलर टीना यादव ने कहा कि नियम के अनुसार जिस राज्य में सिरप या दवा बनती है पहली जिम्मेदारी उसी राज्य की होती है कि वो जांच पड़ताल कर उसका अप्रूवल दे. बाद में जिस राज्य में वो सिरप गया है उसकी जिम्मेदारी होती है. अब ये जांच का विषय है कि जिम्मेदार कौन? इसी जांच की जा रही है.