सरकारी अस्पताल के 2 कर्मचारियों के घिनौने कारनामे का पर्दाफाश होते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। मिली जानकारी के अनुसार, पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने कपूरथला जिले के सिविल (disgusting business in hospital) अस्पताल भुलत्थ में भ्रष्टाचार के एक घोटाले का पर्दाफाश किया है। ये कर्मचारी झूठी नैगेटिव डोप टेस्ट रिपोर्ट जारी करने के लिए रिश्वत ले रहे थे।
मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार निरोधक कार्रवाई लाइन पर दर्ज शिकायत के आधार पर कार्रवाई करते हुए विजिलेंस विभाग ने 2 आरोपियों वार्ड अटेंडेंट मनप्रीत सिंह उर्फ सोनू और ठेका आधारित कंप्यूटर ऑपरेटर भोलू उर्फ इस्माइल को गिरफ्तार किया है। तीसरा आरोपी मान सिंह, जो एक ठेका आधारित प्रयोगशाला तकनीशियन है और गिरफ्तारी से बच रहा है।
राज्य विजिलेंस विभाग के मुख्य निदेशक सुरिंदर सिंह परमार ने बताया कि मामले की जांच में पता चला है कि उपरोक्त आरोपियों ने शिकायतकर्ता से नेगेटिव डोप टेस्ट रिपोर्ट जारी करने के लिए 10 हजार रुपये की मांग की थी। उन्होंने कहा कि आगे की जांच से पता चला कि आरोपी टेस्ट रिपोर्ट में हेरफेर करने के लिए नियमित रूप से रिश्वत ले रहे थे, जिसका उपयोग हथियार लाइसेंस के आवेदन और नवीनीकरण के लिए किया जाता था। शिकायतकर्ता ने रिश्वतखोरी के सबूत तथा पोजेटिव और झूठी नैगेटिव दोनों रिपोर्टें पेश की हैं।
disgusting business in hospital – उन्होंने आगे बताया कि भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की धारा 7, 7-ए और बीएनएस की धारा 61 (2) के तहत जालंधर रेंज के विजिलेंस पुलिस स्टेशन में एफआईआर नंबर 19, तारीख 17 अप्रैल के तहत मामला दर्ज किया गया है। डॉ. मोहितपाल और फरार लैब टेक्नीशियन मान सिंह की भूमिका की जांच की जा रही है।