मध्य प्रदेश में आज पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। भोपाल पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दिग्विजय सिंह द्वारा आज संवेदनशील मुद्दे पर विवादित ट्वीट के बाद धार्मिक उन्माद फैलाने और अन्य धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की।
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Digvijay Singh – राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने आज खरगोन जिले में सांप्रदायिक हिंसा से संबंधित अनेक ट्वीट किए। इस दौरान उन्होंने एक फोटो भी ट्वीट किया था। इसमें दिखाई दे रहा है कि धारदार हथियार और भगवा धारण किए कुछ व्यक्ति एक मस्जिद पर भगवा फहरा रहे हैं। इसके तत्काल बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्वीट किया और कहाकि दिग्विजय सिंह ने ट्वीट के माध्यम से गलत जानकारी दी है। उन्होंने लिखा कि दिग्विजय ने भगवा झंडा फहराने का जो फोटो ट्वीट किया है, वह मध्य प्रदेश का नहीं है। शिवराज ने इसके साथ ही दिग्विजय पर धार्मिक उन्माद फैलाने के षड्यंत्र का आरोप लगाया।
शिवराज चौहान ने यह भी कहा था कि प्रदेश को दंगे की आग में झोंकने की साजिश है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके बाद से ही माना जा रहा था कि दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई हो सकती है। हालांकि दिग्विजय सिंह ने कुछ समय के बाद ट्वीट से इस फोटो को हटा लिया था। भोपाल निवासी प्रकाश पांडे नाम के व्यक्ति की शिकायत पर पुलिस ने यहां दिग्विजय सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 58/22, 153ए (1), 295ए, 465 और 505(2) आदि के तहत मामला दर्ज कर प्रकरण जांच में ले लिया है।
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दिग्विजय सिंह की ट्वीट के बाद आज दिनभर भाजपा नेताओं की तीखी प्रतिक्रियाएं आईं। दूसरी ओर कांग्रेस नेताओं ने इस मुद्दे पर एक तरह से चुप्पी साधकर इस मामले से अलग कर लिया है। इसके पहले प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि दिग्विजय के विवादित ट्वीट मामले में वैधानिक कार्रवाई के संबंध में सरकार विधि विशेषज्ञों से राय ले रही है। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह भ्रम फैलाकर सांप्रदायिक तनाव को हवा देना चाहते हैं। उन्होंने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर मस्जिद में झंडा फहराने की जो तस्वीर पोस्ट की है, वो मध्य प्रदेश की नहीं है।