बटला हाउस में डीडीए के प्रस्तावित डिमोलिशन एक्शन मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने एक दर्जन से ज्यादा याचिकाकर्ताओं को बड़ी राहत दी है. हाई कोर्ट ने अलग-अलग याचिकर्ताओं की अर्जी पर सुनवाई करते हुए डीडीए को नोटिस जारी किया है. साथ ही प्रस्तावित डिमोलिशन कार्रवाई पर रोक लगाई है. अब 10 जुलाई को हाई कोर्ट सभी याचिकाओं पर (bulldozer action banned) एक साथ सुनवाई करेगा. इससे पहले करीब 15 याचिकाकर्ताओं को डिमोलिशन से राहत मिल चुकी है.

इससे पहले सोमवार को डीडीए (दिल्ली विकास प्राधिकरण) ने अशोक विहार में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया था. इसमें 300 से अधिक अवैध आवासों को ध्वस्त कर दिया था. पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती के बीच ये कार्रवाई शुरू की गई थी. इसमें डीडीए ने जेलरवाला बाग से 308 अवैध आवासों को हटाया था.

डीडीए ने बताया था कि ये एक्शन उन झुग्गी-झोपड़ियों पर हुआ, जिसमें रहने वाले लोगों को या तो पहले से वैकल्पिक फ्लैट मिल चुके थे या फिर ये पुनर्वास नीति के तहत अयोग्य पाए गए थे. जेलरवाला बाग में जेजे क्लस्टर के 1 हजार 78 पात्र परिवारों को स्वाभिमान अपार्टमेंट में वन-बीएचके फ्लैट में भेजा जा चुका है. अन्य 567 परिवारों को अपात्र घोषित कर दिया गया.

bulldozer action banned – जबकि दिल्ली हाई कोर्ट ने करीब 250 निवासियों को स्थगन आदेश दिया था. इसके अलावा 9 और परिवारों को वैकल्पिक आवास दिया गया था. सोमवार को बुलडोजर एक्शन वजीरपुर तक चला. इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी लगातार बीजेपी पर हमलावर है. दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सरकार की मंशा पर सवाल उठा रहे हैं.

 

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