बीजेपी से मुकाबला करने के लिए कांग्रेस ने खाका तैयार कर लिया है. गुजरात के अहमदाबाद में चल रहे अधिवेशन के पहले दिन कांग्रेस वर्किंग कमेटी यानी सीडब्ल्यूसी की बैठक में पार्टी (congress’s plan to compete BJP) के भविष्य की दिशा तय कर ली गई है. कांग्रेस ने अपने संगठन को मजबूत करने और बीजेपी के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाने के साथ-साथ सामाजिक न्याय से लेकर सामाजिक सद्भावना और राष्ट्रवाद के एजेंडा पर आगे बढ़ने की प्लानिंग की है, जिसे साबरमती तट पर आज अमलीजामा पहनाया जाएगा.

पटेल के सहारे राष्ट्रवाद को देगी धार

कांग्रेस ने राष्ट्रवाद और सरदार वल्लभभाई पटेल की विरासत को हासिल करने की कोशिश की है. कांग्रेस साथ जुड़े रहे स्वतंत्रता आंदोलन के प्रतीकों को भी अपनाती हुई नजर आ रही. सीडब्ल्यूसी की बैठक में सरदार वल्लभभाई पटेल को आजादी का झंडाबरदार बताते हुए उन पर एक विशेष प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें कहा गया कि कांग्रेस सरदार पटेल के आदर्शों और सिद्धांतों के मार्ग पर चलते हुए लोकतंत्र की रक्षा की लड़ाई को जारी रखेगी. प्रस्ताव में कहा गया है कि सरदार पटेल की राह पर चलकर कांग्रेस किसानों के अधिकारों के लिए संघर्ष के लिए और ‘नफरत छोड़ो-भारत जोड़ो’ की डगर पर बढ़ने को तैयार है.

सामाजिक न्याय की दिशा में बढ़ाया कदम

सीडब्ल्यूसी की बैठक में राहुल गांधी ने सामाजिक न्याय की दिशा में बढ़ने का संकेत दिया है. उन्होंने साफ कहा कि कांग्रेस ओबीसी वर्ग तक पहुंचने से पीछे नहीं हटेगी और मुसलमानों से (congress’s plan to compete BJP) जुड़े हुए मुद्दों पर भी खुलकर बोलने की वकालत की है. राहुल गांधी ने जोरदार ढंग से तर्क दिया कि पार्टी को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) तक अपनी पहुंच बढ़ानी होगी और उन्हें उनके हितों की रक्षा करने से पीछे नहीं हटना चाहिए. उन्होंने कहा कि पार्टी को निजी क्षेत्र में वंचित वर्गों के लिए आरक्षण की मांग करनी चाहिए.

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