- क्या इससे होगा पार्टी को फायदा?
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का समय नजदीक है, इस बीच लखीमपुर खीरी में जो हिंसक प्रदर्शन हुआ उसमें आठ लोगों की मृत्यु हो गई है। जिसमें से चार किसान थे।
इससे भारतीय जनता पार्टी की चुनौती बढ़ गई है, इस घटना ने विपक्ष को एक बड़ा मुद्दा दे दिया है। कांग्रेस ने साफ शब्दों में कह दिया है कि वह किसानों के मुद्दे पर किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है।
कांग्रेस ने कहा कि किसान उसके लिए राजनीतिक मुद्दा नहीं है। पर सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा किसान आंदोलन के जरिए उत्तर प्रदेश के साथ-साथ पंजाब और उत्तराखंड में भी सियासी फायदे की तलाश में जुटी हुई है।
लोगों का मानना है कि लखीमपुर खीरी में जो हिंसक घटना हुई है उसका असर यूपी के साथ पंजाब और उत्तराखंड चुनाव में भी दिखाई देने को मिलेगा। विपक्ष दलों को मौका मिल जाएगा।
प्रियंका गांधी वाड्रा यूपी में जो किसानों के लिए डट कर खड़ी रही उससे अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि पार्टी में फिर से जान फूंकी गई है। पार्टी के नेताओं को प्रियंका में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की छवि दिखाई दे रही है।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि ” जिस तरह बेलछी नरसंहार के बाद इंदिरा गांधी बेलछी गई और उसके बाद सत्ता में वापसी की। ठीक उसी तरह प्रियंका के जुझारुपन का फायदा पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में मिलेगा।” हालांकि, उनका यह भी मानना है कि यूपी में पार्टी का जो संगठन है वह बेहद कमजोर है।