मध्यप्रदेश में नई वाइल्ड लाइफ सेंचुरी बनाने की घोषणा की गई है. इसके साथ ही प्रदेश में चार बड़े सोलर प्लांट भी स्थापित किए जाएंगे. प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने यह भी कहा है कि (compensation of hailstorm to farmers) किसानों को ओलावृष्टि का मुआवजा मिलेगा. राज्य सरकार ने 24 मार्च को हुई कैबिनेट बैठक में जनता से जुड़े कई अहम फैसले किए हैं. बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गर्मी के मौसम के मद्देनजर सभी को विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए.
compensation of hailstorm to farmers – गुड़ी पड़वा से विक्रम संवत की शुरुआत हो रही है. इसे देखते हुए सीएम यादव ने जिला अधिकारियों को निर्देशित किया है कि इस पर्व को उत्सव के रूप में मनाया जाए. उन्होंने मंत्रियों को भी प्रदेश में आयोजित इन उत्सवों में पहुंचने के निर्देश दिए.
614 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैली सेंचुरी
ओंकारेश्वर में प्रदेश की 26वीं वाइल्ड लाइफ सेंचुरी बनने जा रही है. यह सेंक्चुरी 614 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैली है. इस सेंचुरी में कोई वनग्राम नहीं है. देश में सबसे ज्यादा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी बनाने का रिकॉर्ड मध्यप्रदेश के नाम है. कैबिनेट बैठक में सीएम डॉ. यादव ने गर्मी में आम नागरिकों के साथ-साथ पशु-पक्षियों के लिए भी पीने के पानी की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए.
आत्मनिर्भर होगी नगर निगम
सीएम डॉ. यादव ने प्रदेश के कुछ हिस्सों में हुई ओलावृष्टि को देखते हुए सभी कलेक्टरों को फसलों को हुए नुकसान का सर्वेक्षण करने को कहा. उन्होंने कहा कि किसानों को आरबीसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार मुआवजा दिया जाए. दूसरी ओर, सरकार नगर निगमों को आत्मनिर्भर बनाने का फैसला कर रही है. सरकार उनके बिजली के खर्चे कम करने के लिए प्रदेश में 4 बड़े सोलर प्लांट स्थापित करेगी.
बता दें, लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने सरकार से अपनी सभी समूह जल योजनाओं में सोलर प्लांट लगाए जाने की अनुमति मांगी थी. सरकार ने इसके लिए हरी झंडी दे दी है. इस प्रकार वॉटर प्लांट संचालन का खर्च घटेगा और सरप्लस बिजली को इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड को बेचा जाएगा.
पर्यटकों पर विशेष फोकस
खजुराहो में पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है. इसे देखते हुए सीएम डॉ. यादव ने कहा कि इस क्षेत्र में अच्छे होटल विकसित किए जाएं. यहां राजगढ़ कोठी होटल को विराय ग्रुप ने हेरिटेज होटल के रूप में विकसित किया है. समूह ने वेलनेस सेंटर स्थापित करने के लिए सरकार से जमीन मांगी थी. सरकार ने विराय ग्रुप को सरकारी रेट पर 19 एकड़ जमीन देने की स्वीकृति दे दी.