नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को पिछले नौ वर्षों में भारत की अर्थव्यवस्था के मूल सिद्धांतों को मजबूत करने में सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि आज भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था का (Bright Spot) ब्राइट स्पॉट कहा जा रहा है। प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विकास के अवसर पैदा करने के लिए वित्तीय सेवाओं की क्षमता बढ़ाना विषय पर बजट के बाद आयोजित वेबिनार श्रृंखला की कड़ी को संबोधित करते हुए अपनी बात रख रहे थे। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार इन वेबिनारों के माध्यम से बजट के कार्यान्वयन में सामूहिक स्वामित्व और समान भागीदारी का मार्ग प्रशस्त कर रही है, जहां हित धारकों के विचार और सुझाव अत्यधिक महत्व रखते हैं।
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प्रधानमंत्री ने उस समय को याद किया, जब दुनिया भारत को संदेह की नजर से देखती थी। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था, बजट और लक्ष्यों पर चर्चा अक्सर एक प्रश्न के साथ शुरू और समाप्त होती है। उन्होंने वित्तीय अनुशासन, पारदर्शिता और समावेशी दृष्टिकोण में बदलाव पर प्रकाश डाला और कहा कि चर्चा के आरंभ और अंत में प्रश्न चिह्न को विश्वास (ट्रस्ट) और अपेक्षा (उम्मीदों) से बदल दिया गया है। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि भारत जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है और वर्ष 2021-22 में सबसे अधिक एफडीआई भी आकर्षित किया है। इस निवेश का एक बड़ा
हिस्सा विनिर्माण क्षेत्र में हुआ है।
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Bright Spot – प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि पीएलआई योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन लगातार आ रहे हैं, जो भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाता है। मोदी ने सभी से इस अवसर का पूरा लाभ उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि 08-10 साल पहले बैंकिंग व्यवस्था जो डूबने के कगार पर थी, अब लाभ में आ गई है। आज आपके पास एक ऐसी सरकार है जो लगातार साहसपूर्ण निर्णय कर रही है, नीतिगत निर्णयों में बहुत ही स्पष्टता, आत्म विश्वास और दृढ़ विश्वास है। इसलिए आपको भी आगे बढ़कर काम करना चाहिए।