बिहार में चुनावी मुकाबले की स्थिति धीरे-धीरे साफ होती जा रही है. राज्य की कुछ हाई प्रोफाइल सीटों पर सभी की नजर है, जहां से कुछ बड़े चेहरे चुनावी मुकाबले में उतर रहे हैं. वैशाली जिले की राघोपुर सीट से राष्ट्रीय जनता दल के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव चुनाव लड़ रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने उनके सामने एक ऐसे शख्स को खड़ा किया है, जिसे पिछले लगातार 2 चुनाव से शिकस्त मिल रही है. कुल मिलाकर राघोपुर (why trust Satish Yadav) सीट पर लालू परिवार और सतीश कुमार यादव के बीच लगातार 5वीं जंग है.

बीजेपी ने लालू परिवार के लिए बेहद खास राघोपुर सीट से मुकाबले के लिए वही पुराने चेहरे सतीश कुमार यादव पर दांव लगाया है. खास बात यह है कि सतीश यादव पहले राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) में ही थे. आरजेडी से निकल कर सतीश पहले जनता दल यूनाइटेड में आए और फिर 2015 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए.

तेजस्वी की तरह सतीश भी यादव बिरादरी से नाता रखते हैं और यह यदुवंशी बिरादरी के दबदबे वाला क्षेत्र है. पहले वह लालू परिवार के करीबी हुआ करते थे. लेकिन राजनीतिक वजहों से वह आरजेडी छोड़कर जेडीयू में शामिल हो गए. बीजेपी ने राघोपुर से लगातार तीसरी बार सतीश को तेजस्वी के खिलाफ उतारते हुए मुकाबले को रोमांचक बना दिया है.

why trust Satish Yadav – राघोपुर सीट पर लालू परिवार की एंट्री होती है साल 1995 से. तब तत्कालीन विधायक उदय नारायण राय ने लालू यादव के लिए यह सीट खाली की थी. इस चुनाव में लालू को यहां से जीत मिली. फिर 2000 में जब चुनाव हुआ तो लालू को फिर से जीत हासिल हुई. लेकिन इस बार चुनाव में वह दो जगहों से लड़े थे और दोनों जगहों से विजयी हुए. उन्होंने दानापुर सीट के लिए राघोपुर सीट छोड़ दी. ऐसे में यहां पर जब उपचुनाव कराया गया तो उन्होंने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुकाबले में उतारा. राबड़ी यहां पर मुकाबला जीतने में कामयाब रहीं.

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