BJP vs Congress: भोपाल मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड इलाके में भाजपा लगातार मजबूत तो हो ही रही है साथ ही राजनीतिक तौर पर इस इलाके की हैसियत भी बढ़ रही है। वहीं कांग्रेस में इस इलाके को वह अहमियत कम ही मिली है, जिसका यह हकदार है। यही कारण है कि कांग्रेस के सामने द मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के सात- 1 सात जिलों को मिलाकर बनता है ।
वैसे तो बुंदेलखंड कांग्रेस के सामने भाजपा से मुकाबला करना बनता जा रहा है चुनौती, हम बात मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड की कर रहे हैं। इस क्षेत्र में सागर, दमोह पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी के अलावा दतिया जिला आता है। इस इलाके में कुल 29 विधानसभा क्षेत्र आते हैं जिनमें से 18 पर भाजपा का कब्जा है, वहीं आठ सीटें कांग्रेस के खाते में है।
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इसके अलावा सपा और बसपा की एक-एक सीट है। साथ ही एक सीट फिलहाल खाली है। वहीं इस क्षेत्र में पांच लोकसभा संसदीय क्षेत्र आते हैं। इनमें दमोह, सागर, खजुराहो, टीकमगढ़ और भिंड (दतिया जिले के विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इन सभी पांचों सीटों पर भाजपा का कब्जा है। सियासी तौर पर भाजपा में यह इलाका समय के साथ लगातार मजबूत होता गया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा।
खजुराहो से सांसद हैं तो वही केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल दमोह का प्रतिनिधित्व करते हैं । संगठन में जतारा के हरिशंकर खटीक को जिम्मेदारी दी, वहीं शिवराज के सरकार में इस क्षेत्र के 5 कैबिनेट मंत्री है।
BJP vs Congress: इनमें सागर जिले से भूपेंद्र सिंह, गोपाल भार्गव और गोविंद सिंह राजपूत हैं तो वहीं पन्ना से बृजेंद्र प्रताप सिंह और दतिया से डॉ.नरोत्तम मिश्रा हैं । इसके अलावा बड़ा मलेहरा से विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी को राज्य आपूर्ति निगम का अध्यक्ष बनाते हुए कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। वहीं दूसरी और हम कांग्रेस पर नजर दौड़ाते हैं तो एक बात साफ हो जाती है कि कमल नाथ सरकार में इस क्षेत्र के तीन ही मंत्री हुआ करते थे इसके अलावा संगठन में अरसे से इस इलाके को कभी अहमियत नहीं मिली है।
सिर्फ पूर्व सांसद सत्यव्रत चतुवेर्दी को जरूर पार्टी ने राष्ट्रीय स्तर पर महत्व दिया, मगर अब वे भी पार्टी से दूर हैं। कांग्रेस सरकारों में मंत्रियों के तौर पर विट्ठल भाई पटेल, दशरथ जैन, केदार नाथ रावत, बाबूराम चतुवेर्दी, सत्यव्रत चतुवेर्दी, यादवेंद्र सिंह, मानवें्र सिंह, मुकेष नायक, राजा पटेरिया के ही नाम सामने आते है ।