- यादवों और दलितों को राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के एजेंडे से जोड़ने की तैयारी
लखनऊ। यूपी में विधानसभा चुनाव जल्द होने वाले हैं, इसके लिए सभी दल जनता को लुभाने में लगे हुए हैं। इसी दौरान भाजपा अपनी कुर्सी को बचाने के लिए यादवों और जाटवों को वोट बैंक बनाने की तैयारी में लग गई है।
जिसके चलते भाजपा 22 को यादव और 26 को अनुसूचित जाति का सम्मेलन करेंगी। इन आयोजनों को भाजपा ने सामाजिक सम्मेलन नाम दिया है।
यूपी में कई जातियों का राजनैतिक ध्रुवीकरण हमेशा से ही साफ दिखता आया हैं। एक तरफ सपा को यादवों का वही बसपा को दलित और खासकर जाटव वोटरों का साथ मिलता आया है।
जिसे देखते हुए मिशन-2022 के लिए भाजपा ने सामाजिक सम्मेलन शुरू किए हैं। इन सम्मेलनों के जरिए अलग-अलग जातियों को साधने की योजना बनाई गई है।
इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में 22 अक्तूबर को यादव सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। वही इसी सभागार में 26 अक्तूबर को अनुसूचित जाति सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इन जातियों को भी राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के एजेंडे से जोड़ने की योजना बनाई गई है।
राजभर समाज का सम्मेलन 20 अक्तूबर को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में, होगा। हलवाई-कसौंधन और शिवहरे समाज का इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में 21 को होगा।
यादव समाज का इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में 22 को होगा। लुनिया या चौहान समाज का पंचायत भवन में 22 को होगा । नामदेव और दर्जी समाज का गन्ना संस्थान में 23 को होगा। विश्वकर्मा-पांचाल और जांगिड़ समाज का पंचायत भवन में 23 को होगा।
लोधी समाज का इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में 26 को होगा। पाल-बघेल समाज का इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में 27 को होगा कुर्मी-पटेल और गंगवार समाज का इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में 28 को होगा।
भुर्जी समाज का पंचायत भवन में 28 को होगा। स्वर्णकार समाज का गन्ना संस्थान में 28 को होगा। सैनी-कुशवाहा-शाक्य और सैनी समाज का इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में 29 को होगा। निषाद-कश्यप-केवट और मल्लाह समाज का इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में 30 को होगा।
चौरसिया समाज का पंचायत भवन में 30 को और रा्ठौर-तेली व साहू समाज का समाजिक सम्मेलन इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में 31 अक्तूबर को होगा। इसके अलावा अनुसूचित मोर्चा सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन 26 अक्तूबर को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में होगा।