बिहार में राजनीतिक कयासबाजी के बीच पहले चरण के लिए पर्चा भरने की तारीख कल शुक्रवार को खत्म हो गई. 10 अक्टूबर को नोटिफिकेशन जारी होने के बाद 15 तारीख तक बिहार की 121 सीटों पर 500 से कम (2.5 thousand nominations in first phase) नामांकन पत्र दाखिल किए गए थे, लेकिन अंतिम 2 दिनों में नामांकन दाखिल करने के मामले में बाढ़ सी आ गई और यह आंकड़ा ढाई हजार तक पहुंच गया.

प्रमुख राजनीतिक दलों की ओर से नामांकन दाखिल होने में हुई देरी की वजह सीटों का सही समय पर बंटवारा नहीं हो पाना रहा.सीट शेयरिंग को लेकर सत्तारुढ़ एनडीए और महागठबंधन दोनों के घटक दलों के बीच अंतिम समय तक रजामंदी नहीं हो सकी थी, बाद में एनडीए के घटक दलों ने आपसी सहमति जताते हुए टिकटों का ऐलान कर दिया. जबकि महागठबंधन अभी तक सीटों के बंटवारे का ऐलान नहीं कर सका है.

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पहले चरण के लिए आवेदन करने का वक्त अब खत्म हो गया है. चुनाव अधिकारी नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी में लगे हैं और यह काम आज शाम तक खत्म हो जाएगा. पहले चरण के चुनाव में 121 सीटों पर वोट डाले जाएंगे जिसमें कई सीटें हाई प्रोफाइल भी हैं. राघोपुर (तेजस्वी यादव), तारापुर (स्रमाट चौधरी), लखीसराय (विजय सिन्हा), मुंगेर (अनंत सिंह) और अलीनगर (मैथिली ठाकुर) जैसी कई सीटें बड़े चेहरों की वजह से चर्चा में बनी हुई हैं.

2.5 thousand nominations in first phase – बिहार में पहले चरण के लिए जिन 121 सीटों पर नामांकन खत्म हो गया है वहां कुल 2,496 पेपर जमा कराए गए हैं. इन 121 में 64 विधानसभा सीटों पर 20 या इससे अधिक नामांकन पत्र दाखिल किए गए हैं. इसमें से 9 सीटें ऐसी भी हैं जहां पर 30 या इससे अधिक नामांकन पत्र भरे गए. इस तरह से देखा जाए तो हर सीट पर औसतन 20 से अधिक नामांकन दाखिल किए गए हैं.

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