केंद्र सरकार ने स्वदेशी टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) सहित 12 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों की ईमेल अब नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) के बजाय जोहो (Zoho) प्लेटफॉर्म पर होस्ट की जा रही है. यह बदलाव डेटा सुरक्षा और आत्मनिर्भर भारत अभियान (big step for cyber security) के तहत किया गया है.
क्या हुआ बदलाव?
पिछले एक साल में केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों की ईमेल आईडी को नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) से हटाकर Zoho के भारतीय प्लेटफॉर्म पर ट्रांसफर कर दिया गया है. ईमेल का डोमेन (gov.in और nic.in) पहले जैसा ही रहेगा, लेकिन अब डेटा जोहो द्वारा होस्ट और मैनेज किया जाएगा. यह अनुबंध 2023 में सात वर्षों के लिए साइन किया गया था.
कहां से हुई शुरुआत ?
कई केंद्रीय मंत्रियों ने कथित तौर पर अपने निजी इस्तेमाल के लिए जोहो की ईमेल सर्विस का इस्तेमाल शुरू कर दिया है. अभी हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह ने भी अपना निजी ईमेल अकाउंट जोहो मेल पर शिफ्ट करने की जानकारी दी थी. उन्होंने कहा था कि भविष्य के सभी जरूरी काम इसी ईमेल आईडी पर किए जाएंगे.
डेटा सुरक्षा प्राथमिकता
शिक्षा मंत्रालय ने 3 अक्टूबर को जारी एक आदेश में कहा कि यह कदम भारत को सेवा आधारित अर्थव्यवस्था से उत्पाद आधारित राष्ट्र बनाने की दिशा में है. सरकार ने इसे स्वदेशी आंदोलन का हिस्सा (big step for cyber security) बताया है, जो डिजिटल संप्रभुता और डेटा सुरक्षा को मजबूत करेगा. NIC और CERT-In जैसी संस्थाओं से सुरक्षा रिपोर्ट लेने के बाद ही जोहो को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है.