उमरिया : चंदिया वन परिक्षेत्र में हाल ही में अचानक हुई एक बाघ की मौत से वन विभाग में हड़कंप मच गया था. शुरुआत से ही टाइगर की मौत को संदिग्ध माना जा रहा था. वन विभाग की टीमें टाइगर की मौत (tigers death case) की वजह जानने में जुटी हुई थी, तभी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने जांच की दिशा ही बदल दी. पता चला कि टाइगर को मारा गया था. इसके बाद टाइगर की हत्या के मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
बाघ की मौत के बाद वन विभाग की टीमें मौके पर पहुंची और प्रारंभिक जांच शुरू कर दी, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में ये बात सामने आई कि बाघ की मौत करंट की चपेट में आने से हुई है, जिसके बाद ये शंका जताई गई की हो सकता है शिकार के मकसद से जंगल में अवैध रूप से बिजली के तार बिछाए गए हों, जिसकी चपेट में आकर बाघ की जान चली गई हो. जांच के दौरान कुछ चौंकाने वाले साक्ष्य मिले.
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जंगल में जांच टीम को ये कंफर्म हो चुका था कि बाघ के लिए करंट का जाल बिछाया गया था. इसके बाद वहां मिले साक्ष्य और स्थानीय सूचनाओं के आधार पर संदिग्धों की पहचान भी की गई. वन विभाग की टीम ने इस दौरान अलग-अलग स्थानों पर दबिश देना शुरू कर दिया, और अलग-अलग जगहों से 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
tigers death case – उमरिया जिले के चंदिया वन परिक्षेत्र में जिस बाघ की करंट लगने से मौत हुई है, उस बाघ की पहचान भी हो गई है, ये बाघ बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का है, जिसकी पहचान टी-185 बाघ के तौर पर हुई है ये 8 साल का बाघ है, जिसका शव चंदिया वन परिक्षेत्र के आरएफ 10 कक्ष में कथली नदी के किनारे मिला था.


