विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में आज उस समय गरमागरमी का माहौल बन गया, जब सुबह बांके बिहारी महाराज को समय पर बाल भोग नहीं लगाया जा सका. मंदिर में माहौल इसलिए भी तनावपूर्ण हो गया क्योंकि ठाकुर बांके बिहारी महाराज को सुबह लगने वाला प्रसाद कई घंटों की देरी से लगाया गया.

इतना ही नहीं, सफला एकादशी के पावन अवसर पर ठाकुर बांके बिहारी महाराज को दोपहर का राजभोग भी समय पर नसीब नहीं हो सका, जिसके चलते गोस्वामी समाज में आक्रोश व्याप्त हो गया.

इस मामले में ठाकुर बांके बिहारी मंदिर की हाई पावर कमेटी के सदस्य दिनेश गोस्वामी ने बताया कि आज ठाकुर बांके बिहारी महाराज को समय पर भोग नहीं लग पाया. इसका मुख्य कारण यह रहा कि कमेटी द्वारा मंदिर के लिए निर्धारित किए गए हलवाई के कर्मचारी समय पर नहीं पहुंचे.

दोपहर का भोग भी आरती के समय लगा

भोग में देरी के कारण सुबह का बाल भोग काफी देर से लगाया गया, जबकि दोपहर का राजभोग ठाकुर बांके बिहारी महाराज को आरती के समय प्राप्त हो सका. वहीं, ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में आज राजभोग के समय भोग न लग पाने से माहौल काफी गरम रहा. आरती के समय ठाकुर बांके बिहारी महाराज को राजभोग अर्पित किया गया, यानी इसमें भी काफी देरी हुई.

इस संबंध में हिमांशु गोस्वामी ने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या हाई पावर कमेटी के पास इतने संसाधन नहीं हैं कि वह मंदिर की व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संभाल सके. हाई पावर कमेटी को मंदिर की व्यवस्था देखने के लिए चुना गया है, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि कमेटी मंदिर के बजाय अपने हितों के लिए कार्य कर रही है.

उन्होंने कहा कि यदि ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के भंडारियों को समय पर भुगतान नहीं हुआ है, तो इसकी जिम्मेदारी मंदिर की नहीं, बल्कि कमेटी की है. आज यह पहली बार ऐसा हुआ है, लेकिन यदि भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा उत्पन्न होती है, तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?

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