नई दिल्ली : सेना ने रविवार को स्पष्ट कर दिया है कि (Amritpal Had Committed Suicide)अग्निवीर अमृतपाल सिंह ने आत्महत्या की थी, इसलिए सैन्य प्रोटोकाल के तहत उन्हें अंतिम संस्कार के समय सैन्य सम्मान नहीं दिया गया। उल्लेखनीय है कि पंजाब के कोटली कलां के रहने वाले अमृतपाल सिंह को लेकर पिछले दिनों में एक बहस खड़ी करने का प्रयास किया गया कि देश के पहले अग्निवीर को उचित सम्मान नहीं दिया गया।
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Amritpal Had Committed Suicide – आम आदमी पार्टी से लेकर मीडिया और सोशल मीडिया से लेकर जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक तक ने यह प्रचारित करने का काम किया कि अमृतपाल सिंह को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई इसलिए नहीं दी गई कि वे सेना भर्ती की नई योजना अग्निवीर के तहत भर्ती हुए थे। आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार ने अपनी ओर से एक करोड़ रुपये की सहायता राशि घोषित करते हुए मृतक को शहीद का दर्जी देने की घोषणा की है।
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सेना से रविवार को साफ किया कि 10 जैक रिफ (जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंटी) में बतौर संतरी भर्ती हुए अमृतपाल सिंह ने ड्यूटी के दौरान खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। इसलिए उनके अंतिम संस्कार में सैन्य सम्मान नहीं दिया गया, क्योंकि खुद को पहुंचाई गई चोट से होने वाली मौत को शहीद का सम्मान नहीं दिया जाता है। सेना की ओर से जारी बयान में यह बात पुरजोर तरीके से कही गई है कि सेना सैनिकों के बीच इस आधार पर भेदभाव नहीं करती कि वे अग्नि पथ योजना के कार्यान्वयन से पहले या बाद में भर्ती हुए थे।सेना ने यह भी साफ कर दिया है कि वह सशस्त्र बलों में शहीद
होने वालों को मिलने लाभ और गार्ड ऑफ ऑनर के संबंध में अग्निपथ योजना के कार्यान्वयन से पहले या बाद में शामिल हुए सैनिकों के बीच अंतर नहीं करते हैं।