लखनऊ : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार को बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के दसवें दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं। राष्ट्रपति ने अपने दीक्षांत उद्बोधन में कहा कि ये मेरे लिए हर्ष का विषय है कि मुझे बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के नाम पर स्थापित इस विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल होने का अवसर मिला है। डॉ भीमराव अंबेडकर मेरे लिए भगवान के (Ambedkar Is Like God To Me) समान हैं। उन्होंने कुछ ऐसा किया था, जिसकी वजह से मैं आज आपके सामने खड़ी हूं। राष्ट्रपति ने उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को देश में नई ऊर्जा का संचार करने वाला बताया और कहा कि बदलते प्रदेश और देश के विकास के लिए विद्यार्थी अभी से जुट जाएं व अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करें।
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राष्ट्रपति ने कहा कि बाबा साहेब के जीवन में जितना संघर्ष था उतना ही उल्लेखनीय उनका कार्य भी था। अनेक चुनौतियों का सामना करते हुए उन्होंने देश-विदेश में शिक्षा प्राप्त की। स्वतंत्र भारत के संविधान निर्माता और देश के पहले कानून मंत्री डॉ अंबेडकर का जीवन मूल्यों और सिद्धांतों पर आधारित था। उनसे प्रेरणा लेकर विद्यार्थी कठिन से कठिन लक्ष्यों को साध सकते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि कल ही मैं यूपी जीआईएस के समापन समारोह में शामिल हुई। इस इन्वेस्टर्स समिट से देश और प्रदेश में एक नई ऊर्जा के संचार हुआ है। उत्तर प्रदेश में निवेशकों के लिए निवेश का अनुकूल वातावरण तैयार हुआ है। समय आ गया है कि हम अपने शिक्षण संस्थानों को इस अनुकूल वातावरण से जोड़ें।
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Ambedkar Is Like God To Me – राष्ट्रपति ने कहा कि दीक्षांत समारोह विद्यार्थियों के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है। ये आपके और आपके परिवार के लिए हर्ष और उल्लास का क्षण होता है। आज डिग्री लेने वाले विद्यार्थियों में से 42 प्रतिशत लड़कियां हैं। साथ ही गोल्ड मेडल पाने वाली भी 60 प्रतिशत छात्राएं हैं। मैं सभी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए बेटियों की विशेष सराहना करती हूं। आप सब जीवन में जो भी बनना चाहते हैं उसके लिए आज से ही प्रयास करें। आपमें से कुछ बच्चे प्राइवेट, कुछ सरकारी नौकरियों में जाएंगे। कुछ उद्यमी बनेंगे, मैं चाहती हूं कि कुछ बच्चे अच्छे शिक्षक और प्रोफेसर भी बनें। उत्तम शिक्षा व्यवस्था के लिए उत्तम शिक्षकों का होना बहुत ही जरूरी है।