Farmers marching to Chandigarh clashed with Ambala police, administration detained barricades at various place

अंबाला पुलिस
– फोटो : अमर उजाला


अंबाला-हिसार बाईपास पर चंडीगढ़ कूच पर निकले किसानों व पुलिस के बीच झड़प हो गई। पुलिस ने जगह-जगह नाकाबंदी कर शंभू टोल की तरफ ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर जा रहे किसानों को रोका और उन्हें हिरासत में लिया। ऐसे में किसानों ने विरोध जताते हुए जमकर नारेबाजी की। इस दौरान किसानों व पुलिस के बीच कई जगह धक्का-मुक्की भी दिखी। इतना ही नहीं एक जगह किसानों ने पुलिस का नाका ही तोड़ दिया था लेकिन उन्हें पुलिस ने दूसरे नाके पर रोक लिया।

जबरन ट्रैक्टरों से नीचे उतारकर पुलिस वैन में बिठाकर हिरासत में लिया

पुलिसकर्मियों ने खुद ट्रैक्टरों की कमान संभालने के बाद उन्हें सुरक्षित स्थानों पर रखा। जबकि किसानों को पुलिस बसों के जरिए हिरासत में लेकर अंबाला सिटी पुलिस लाइन में रखा। बाढ़ की दौरान हुए मुआवजे आदि मांगों को लेकर हरियाणा के किसान चंडीगढ़ कूच के लिए जा रहे थे। इससे पहले ही पुलिस ने अंबाला-हिसार हाईवे और शंभू टोल तक जाने वाले सभी लिंक रोड पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया था। वाटर कैनन के साथ-साथ बैरिकेड्स लगाए गए थे।

किसानों ने हाईवे पर एक नाका तोड़ा तो दूसरे पर पुलिस ने हिरासत में लिया

ऐसे में अंबाला के अलावा कुरुक्षेत्र आदि शहरों से आने वाले किसानों को पुलिस ने हाईवे पर ही रोक लिया। ऐसे में सामान्य वाहनों को जाने दिया जा रहा था और किसानों के लिए एंट्री बंद थी। इस दौरान पुलिस अधीक्षक जश्नदीप रंधावा ने खुद मोर्चा संभाला हुआ था और पुलिस को दिशा निर्देश देते हुए दिखे। जबकि किसानों को भी वापस लौटने की अपील कर रहे।  

किसानों की यह मुख्य मांगे

  • किसान नेताओं ने बताया कि केंद्र सरकार से 50 हजार करोड़ विशेष पैकेज की मांग।
  • घग्गर योजना के तहत सभी नदियों का स्थाई समाधान करने।
  • किसानों को 50 हजार प्रति एकड़ मुआवजा देने की मांग।
  • पशुओं की मृत्यु और बोरवेल खराब होने पर मुआवजा।
  • खेतों में भरे रेत उठाने के लिए खनन की इजाजत।
  • बाढ़ में जान गंवाने वाले के आश्रितों को 10 लाख मुआवजा।
  • एक साल के लिए सभी ऋण और ब्याज माफ।
  • एमएसपी गारंटी, मनरेगा योजना के तहत 200 दिन तक काम देने।

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